मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत से भक्त सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं. इस पाठ को बहुत फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि इस पाठ से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं. पंडित अनिल महाराज ने बताया कि मार्कंडेय पुराण से दुर्गा सप्तशती का उत्पत्ति हुई है. दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बेहद लाभकारी है.

अगर आप अर्गला स्तोत्र, दुर्गा कवच, कीलक, दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय नहीं करते हैं तो केवल सिद्ध कुंजिका का पाठ करने से पूरे सप्तशती पाठ के बराबर फल की प्राप्ति होती है. भगवान शंकर कहते हैं कि सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करने वाले को देवी कवच, अर्गला, कीलक, रहस्य, सूक्त, ध्यान, न्यास और यहां तक कि अर्चन भी आवश्यक नहीं है. केवल, कुंजिका के पाठ मात्र से दुर्गा पाठ का फल प्राप्त हो जाता है.

इस मंत्र का करना होगा जाप
पंडित जी ने बताया कि आमतौर पर साधक संक्षिप्त मंत्र ”ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥” का जाप करते हैं. लेकिन सिद्ध कुंजिका स्त्रोत्र में संपूर्ण मंत्र दिया गया है, जो इस प्रकार है- ”ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।”

ऐसे करना होगा पाठ
पंडित जी ने बताया कि सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि करने के बाद उत्तर दिशा में जमीन में बैठकर पवित्र होकर पहले आचमन करें. फिर कितने मंत्र का आप पाठ करेंगे, इसका संकल्प लें. अपनी मनोकामनाएं भी मन में बोलें. कम से कम 11 पाठ सिद्ध कुंजिका के करने से घर में उन्नति, खुशाली, मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. किसी प्रकार की घर में नकारात्मक ऊर्जा, रोग, बाधाएं नहीं आती हैं. विधि पूर्वक सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से बहुत जल्द ही मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है. ब्रह्म मुहूर्त के दौरान इसका पाठ करना बेहद प्रभावशाली माना जाता है.

बेहद लाभकारी है पाठ
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र बेहद कल्याणकारी और शक्तिशाली स्रोत है. अगर आप इसका पाठ कर लेते हैं तो इसके बाद आप को किसी अन्य जाप या पूजा करने की आवश्यकता नहीं होती है. कुंजिका स्त्रोत के पाठ करने से आपके सभी जाप सिद्ध हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. शत्रुओं के नाश के लिए या उनसे मुक्ति पाने के लिए भी आप सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं. इसके पाठ से देवी भगवती की कृपा प्राप्त होती है और दुर्गा जी के आशीर्वाद से जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं.

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