चीन-पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश के यूनुस ने एक और मुस्लिम देश से मदद मांगी
बांग्लादेश के अंतरिम सरकार को भारत का बदल नहीं मिल पा रहा है. भारत से दूरी बनाने के बाद मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस कभी पाकिस्तान, तो कभी चीन से मदद की गुहार लगाते नजर आते हैं. शेख हसीने के पतन के बाद से ही बांग्लादेश आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है और भारत के बिना इससे बाहर आ पाना उसके लिए बेहद मुश्किल है.
भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं, लेकिन नई सरकार का झुकाव चीन और पाकिस्तान की ओर होने से इनमें दूरी आई है. वहीं बांग्लादेश का भला चीन और पाकिस्तान भी नहीं कर पा रहे है. अब बांग्लादेश ने कतर से मदद की गुहार लगाई है. कतर के राजदूत सेराया अली अल-कहतानी से मिल मोहम्मद यूनुस ने अपील की है कि कतर के व्यापारी उनके देश में अवसर तलाशे.
कतर के राजदूत से मिले यूनुस
मोहम्मद यूनुस ने राज्य अतिथि गृह जमुना में कतर के राजदूत सेराया अली अल-कहतानी मुलाकात की, जहां यूनुस ने कतर के लिए अपनी सरकार का संदेश उन्हें दिया. जिसके बाद अल-कहतानी ने कहा कि कतर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सुधार एजेंडे को अपना पूर्ण समर्थन दिया है. उन्होंने आगे कहा कि कतर बांग्लादेश को हर प्रकार का सहयोग देने के लिए उत्सुक है. मुलाकात के बाद मोहम्मद यूनुस ने कतर के अमीर का समर्थन और बांग्लादेश के साथ दोस्ताना व्यवहार करने के लिए धन्यवाद दिया.
अप्रैल में निवेश सम्मेलन
यूनुस ने कतर के साथ व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कतर के व्यापारियों को बांग्लादेश में निवेश करने और अपने कारखानों को देश के कई आर्थिक क्षेत्रों में लगाने के लिए आमंत्रित किया. यूनुस ने कहा, "बांग्लादेश अब व्यापार के लिए तैयार है. हम चाहते हैं कि कतर के व्यवसायी बांग्लादेश में अवसरों की तलाश करें." उन्होंने यह भी कहा कि ढाका में अप्रैल के शुरू में एक निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.