संविदा शिक्षा भर्ती मे हुए फर्जीवाड़ें कि चर्चाएँ आम होती जा रही है लेकिन जिला कलेक्टर सहित जिला शिक्षा अधिकारी के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है इस फर्जीवाड़ें को लेकर ऐसा नही है कि इन दोनों अधिकारियों को उक्त फर्जीवाडे़ं कि जानकारी न हो सब पता होने के बावजूद भी चुप्पी साधे हुए हर रोज समाचारों को देख रहें है लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ रटा रटाया जवाब देते नजर आ रहें है कि हां जांच कि जाएगी और इनके इस जवाब कि वजह से हर महिने सरकार के लाखों रुपये फ्री में जा रहें है और तो और इन फर्जी शिक्षकों कि वजह से पढ़ें लिखे युवा दर दर भटक रहें और कुछ तो हर रोज मजदूरी करने के लिए जा रहें है। अगर कहीं इस मामले में मध्यप्रदेश कि मुख्यमंत्री रुचि ले ले तो हजारों फर्जी शिक्षक तो सलाखों के अंदर होंगे और इनकी जगह पढ़ें लिखे युवा नौकरी करते नजर आएगें जिससे बच्चे भी पढ़ सकेंगे और देश का नाम रोशन भी होना तय हैं। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि कांग्रेस शासन काल का फर्जीवाड़ा देश कि जनता के सामने भी निकलकर सामने आएगा जिससे देश कि जनता कि भी आंखें खुल जाएगी कि कांग्रेस से अच्छी तो भाजपा सरकार है।हम आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से हमारे अखबार में लगातार फर्जी शिक्षकों का खुलासा किया जा रहा है इस खुलासा करने में कई शिक्षकों द्वारा जान से मारने कि धमकी एवं पैसों का प्रलोभन भी दिया जा रहा है लेकिन हमारी टीम को इन सभी बातों को नजर अंदाज़ करते हुए बराबर हर रोज कि तरह समाचार प्रकाशित किये जा रहें है जिसको लेकर कुछ फर्जी शिक्षक तो बीमार होने का भी जिक्र कर रहें है कि आपके समाचारों को पढ़ कर हम बीमार हो रहें है आप यह सब बंद कर दो हम सब लोगों को एक बार बताओ तो कम से कम। जब हमारी खबरों ने यह हालात कर दिए लेकिन फिर भी अधिकारियों के द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा यह सबसे बड़ी बात हैं। 

 

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रामसेवक मीना ने बनाई करोड़ों कि संपत्ति:

वैसे तो रामसेवक मीना शिक्षक के रूप में शिक्षा विभाग में पदस्थ है लेकिन यह शिक्षक फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर पिछले 26 वर्षों से शासन से वेतन ले रहें है और इस वेतन से लाखों रुपये कि संपत्ति भी हासिल करली है। और जब इस फर्जी जाति प्रमाण पत्र के लगातार समाचार प्रकाशित होने पर रामसेवक मीना कि रातों कि नीद उड़ गई है यह बात हमें रामसेवक मीना ने बताई और रामसेवक मीना ने कहां कि आप हमसे पैसे ले लो लेकिन मुझे छोड़ दो जिससे में नौकरी करता रहूं इसका मतलब यह है कि हम लोगों ने उस समय पैसे देकर नौकरी हासिल कि है आप और ले लो जिससे हम रिटायर हो जाए इसके बाद जो हो सो हो जाए फिर हमें दिक्कत नही।इस प्रकार के फर्जीवाड़ें मे भी गुना जिले के जिला कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी कोई कार्यवाही नही कर पा रहें यह जिले के लिए बहुत ही शर्म कि बात है क्योंकि पिछले कई दिनों से गुना जिले मे कार्यवाही तो देखी जा रही है लेकिन वह कार्यवाही छोटी छोटी गलती होने पर देखी जा रही है लेकिन यह बात समझ से परें है कि इतने बड़े फर्जीवाड़ें मे अधिकारी कोई कार्यवाही करते नजर नही आ रहें है कुछ युवा लोगों का कहना है कि अधिकारियों ने कुछ माल ले लिए होगा जिससे हर रोज समाचार तो पढ़ रहे है लेकिन कार्यवाही नही कर रहें हैं।

 

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रामसेवक मीना के हाथ में बंदूक किस की..?

शिक्षक रामसेवक मीना के हाथों में जो बंदूक है उसके बारे मे हमने मालूम किया तो हमें सूत्रों ने बताया कि उक्त बंदूक का फोटो चुनाव के समय लगी ड्यूटी के समय का है अगर कहीं यह बात कि पुलिस प्रशासन जांच कराता है तो यह बात भी सही निकलकर सामने आएगी और इस मामले मे भी रामसेवक मीना के साथ पुलिस जवान भी कार्यवाही के दायरे मे आना तय है क्योंकि एक गुस्सा वाले व्यक्ति को सरकारी हथियार देना और फोटो निकलवाना यह भी एक कार्यवाही के दायरे मे आता है। 

 

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रामसेवक मीना कि वजह से कई लोगों कि जा सकती है नौकरी:

 

रामसेवक मीना को शिक्षक बनाने में तहसीलदार से लेकर जनपद समेत शिक्षा विभाग के दर्जनों अधिकारियों पर कार्यवाही कि तलवार लटक सकती है अगर कहीं इस मामले कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ईमानदार अधिकारियों से जांच करा डाली तो उस समय के अधिकारियों पर कार्यवाही जरूर होगी और अगर इन अधिकारियों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र नही बनाए होते तो आज यह फर्जी शिक्षक कि जगह उस समय के अनुसूचित जनजाति के युवा नौकरी कर रहें होते लेकिन उस समय के अधिकारियों कि वजह से फर्जी लोग नौकरी कर रहें है तो इनके ऊपर भी कार्यवाही होना चाहिए जिससे यह भविष्य में ऐसी गलती फिर से ना करें।

न्यूज़ सोर्स : Joshi