केंद्र और राज्य में जब एक ही दल की सरकार होती है, तो विकास का पहिया तेज गति से घूमता है। स्थायी सरकार से योजनाओं की गति बढ़ती है। योजना की जनता तक पहुंच आसान होती है। बीते दशक से मध्य प्रदेश को इसका लाभ मिला है। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो भी कल्याणकारी योजनाएं शुरू की है, उसका लाभ तुरंत प्रदेश को मिला है। इससे प्रदेश के युवाओं में खासा उत्साह है। सबसे अधिक उत्साह उन युवाओं में है, जो पहली बार इस विधानसभा चुनाव में वोट डालेंगे। 
मध्य प्रदेश में युवाओं का विकास 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के युवाओं के लिए एक विशेष रोडमैप तैयार किया है और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का आह्वान किया है जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश के युवाओं को सौंपी है जिसके योगदान से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। प्रदेश में युवाओं के लिए बेहतर शिक्षा कौशल और दक्षता के लिए शिवराज सरकार बड़े स्तर पर काम कर रही है। हुनर के आधार पर प्रदेश भर में युवाओं को न सिर्फ अवसर मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक मदद भी सरकार की तरफ से मुहैया कराई जा रही है। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जहां एक तरफ युवाओं के विकास के लिए युवा नीति बनाई है। वहीं, युवाओं को लर्न एंड अर्न की तर्ज पर योजनाएं भी धरातल पर उतारी हैं। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना तैयार की गई है। इस योजना में युवाओं को बड़ी कंपनियों में 700 से अधिक कोर्स में काम सिखाने के साथ मासिक स्टाइपेंड की व्यवस्था भी गई है। इस योजना में युवाओं को नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण मिलेगा और भविष्य में अच्छे रोजगार भी प्राप्त होंगे। युवाओं को प्रशिक्षण के बाद निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करने पर रोजगार बोर्ड द्वारा ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। सीखो-कमाओ योजना में 12वीं पास को 8 हजार, आईटीआई पास को 8,500 रुपये, डिप्लोमाधारी को 9 हजार और स्नातक/ उच्च पास को 10 हजार रुपये का स्टायपेंड दिया जाएगा।

मध्य प्रदेश में पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या

प्रदेश में एक बार फिर युवा वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। पहली बार वोट देने वाले युवा निर्णय करेंगे कि सरकार किसकी बनेगी। सबसे ज्यादा युवा वोटर शमशाबाद निर्वाचन क्षेत्र में हैं। कुल प्रतिशत 5.06% के साथ यह लिस्ट में सबसे ऊपर है। 1.16% युवा वोटर्स के साथ भोपाल मध्य निर्वाचन क्षेत्र में युवा मतदाताओं का प्रतिशत सबसे कम है।

ये युवा मतदाता इसलिए भी निर्णायक हैं क्योंकि, 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के वोट शेयर को देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस पार्टी के बीच केवल 0.13% वोट शेयर का फर्क था। इस बार 18-19 वर्ष की आयु के पहली बार के मतदाता कुल मतदाताओं का 2.68% हैं। कुल मिलाकर, राज्य में कुल 14.5 लाख वोटर हैं, जो पहली बार वोट देने वाले हैं। वोटों के मामले में 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सिर्फ 47,827 का अंतर था। पिछले विधानसभा चुनावों के एक दिलचस्प आंकड़ों के अनुसार, टॉप 10 विधानसभा क्षेत्रों में, जहां युवा मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है, उनमें शमशाबाद (5.06%), कसरावद (4.91%), बांधवगढ़ (4.55%), बासौदा (4.45%) और कुरवाई (4.42%) शामिल हैं। इसके अलावा अलीराजपुर (4.33%), मानपुर (4.25%), इछावर (4.15%), नरसिंहगढ़ (4.11%), पांढुर्ना (4.08%), आष्टा (4.06%) और सौसर (4.01%) भी शामिल है। इनमें से छह सीटों पर भाजपा और चार पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।

लोकल फॉर वोकल को लेकर युवाओं में उत्साह 

हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री भारत मंडपम में विश्व नेताओं से मिले तो 100 से ज्यादा यूनिवर्सिटी से आए छात्रों से सीधा संवाद किया। इसमें कई छात्र मध्य प्रदेश के रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश की विकास यात्रा जारी रखने के लिए स्वच्छ, स्पष्ट और स्थिर शासन आवश्यक है। भारत में हो रहे सकारात्मक विकास का श्रेय राजनीतिक स्थिरता, नीति स्पष्टता और लोकतांत्रिक मूल्यों को दिया। जी20 के आयोजन ने भारत ने जिस ऊंचाई तक पहुंचा दिया है, ये देखकर दुनिया वाकई चकित है। जिस कार्यक्रम को सफल बनाने का बीड़ा आप जैसे युवा और स्टूडेंट्स उठा लेते हैं, तो फिर उसका सफल होना तय हो जाता है। देश की समृद्धि के लिए युवाओं का साथ मांगते हुए पीएम ने कहा कि अगले 25 साल बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने लोकल फॉर वोकल का जोर नारा दिया है, उससे अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश के युवाओं में भी खासा उत्साह है।