भोपाल। देशभर में हलचल मचा देने वाले व्यापम महाघोटाले में जिला न्यायालय में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसोदिया ने  पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में उम्मीदवारो की जगह मुन्नाभाईयो द्वारा पेपर दिये जाने के मामले में फैसला सुनाते हुए पांच आरोपियो को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। सीबीआई के लोक अभियोजक मनुजी उपाध्याय ने बताया कि व्यापम द्वारा साल 2013 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 द्वितीय आयोजित की थी। जिसमें परीक्षार्थी जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर ओर केशव सिंह वडेरिया ने अपने स्थान पर परीक्षा दिलाने के लिए फर्जी ढंग से अमित आलोक, सतीश मौर्य ओर एक अज्ञात को बिठाया। जालसाजी कर जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर और केशव सिंह वडेरिया परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए थे। मामले में सीबीआई ने दूसरे के स्थान पर परीक्षा में बैठने वाले अमित आलोक और सतीश कुमार मौर्य को आरोपी बनाया था। जांच के दौरान तीनों अभ्यर्थी और दोनों प्रतिरूपको को न्यायालय द्वारा दोषी पाया गया। तीनों अभ्यर्थियों के अनुपस्थित रहने के कारण दोनों प्रतिरूपको अमित आलोक और सतीश कुमार मौर्य को आपराधिक षड्यंत्र के लिए धारा 419, 420, 467, 468, एवं 471 सहपठित धारा 120 बी भादवि तथा मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर सात-सात वर्ष का कठोर कारावास एवं दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अन्य तीनों आरोपी परीक्षार्थियों जितेंद्र सिंह सेंगर, सत्येंद्र सिंह सेंगर ओर केशव सिंह बड़ेरिया के सजा सुनाने के दौरान अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें फरार घोषित करते हुए उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।