अगर आप भी नए साल में कहीं घूमने या मंदिर में दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं तो आप धर्म नगरी चित्रकूट में पहुंच सकते हैं.यहां बने प्रमुख मठ मंदिरों के दर्शन प्राप्त करके अपने बिगड़े काम बना सकते हैं. कहा जाता है कि यहां प्रभु श्री राम अपने वनवास काल के दौरान साढ़े ग्यारह वर्ष रहे हैं.

आपको बता दें कि अपने वनवास काल के दौरान प्रभु श्री राम ने चित्रकूट के मंदाकिनी तट के किनारे अपने साढ़े ग्यारह वर्ष व्यतीत किए थे. इसलिए यह स्थान बहुत ही प्रमुख माना जाता है. अगर आप नए साल में चित्रकूट आए हैं या चित्रकूट जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप चित्रकूट के मंदाकिनी नदी में स्नान करने के बाद कामतानाथ तोता मुखी हनुमान जी, भरत मंदिर के साथ-साथ अन्य प्रमुख मठ मंदिरों के दर्शन कर के अपने नए साल का आगाज कर सकते हैं.मान्यता है कि उनके दर्शन करने से भक्तों के सभी मनोकामनाएं व बिगड़े काम बन जाते हैं.

महंत ने दी जानकारी
चित्रकूट के महंत दिव्य जीवन दास महाराज ने बताया कि चित्रकूट बहुत ही महत्वपूर्ण पवित्र तीर्थ है, क्योंकि यहां मर्यादा श्री राम वनवास काल के दौरान साढ़े ग्यारह वर्ष रहे हैं. उन्होंने बताया कि तुलसी दास ही कलयुग में ही उनकी इच्छा थी की प्रभु का दर्शन हो जाए. वो काशी गए वृंदावन गए और कहीं भी अन्य जगह है लेकिन प्रभु श्री राम के दर्शन नहीं हुए. अंत में काशी में हनुमान जी ने उनको प्रेरित किया कि आपको भगवान के दर्शन चित्रकूट में होंगे. कलयुग में जब उनके जीवन की इच्छा की समपूर्ति चित्रकूट में हुई थी.

भगवान की अभिलाषा चित्रकूट में पूरी हुई
उन्होंने ने बताया की माता जानकी ने भी वरदान मांगा था कि अगर वह सकुशल लौट जाएंगे तो वह चित्रकूट में पाठ पूजन आदि करेंगे.उन्होंने बताया की जब भगवान की अभिलाषा चित्रकूट में पूरी हुई तो यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं तो चित्रकूट में पूरी होगी ही.