सड़क सुरक्षा माह के दौरान दो सप्ताह में ही सड़क हादसों में छह लोगों की मौत से प्रशासन हैरान है। लोगों को समझाइश देने के बाद हादसों में कमी आनी चाहिए थी, लेकिन हादसे और ज्यादा बढ़ गए हैं। इसके चलते अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती के साथ ही समझाइश भी दी जा रही है। एक फरवरी से हेलमेट व अन्य नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ही सख्ती होनी है।

बता दें कि जनवरी माह में ट्रेफिक पुलिस द्वारा ट्रैफिक सुरक्षा महीने का आयोजन किया गया। इस दौरान पुलिस ने प्रत्येक चौक-चौराहों पर लोगों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने की समझाइश दी गई। जागरूकता अभियान चलाया गया। स्कूली बच्चों की क्लास लगाई, जहां ट्रैफिक के जवान बच्चों को ट्रैफिक रूल्स बताते रहे। यहां तक की ट्रैफिक जागरूकता को लेकर शार्ट फिल्म बनाई गई।

एसएसपी समेत ट्रैफिक के तमाम अधिकारी कर्मचारी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह देते रहे। बावजूद सड़क दुर्घटना में कमी नहीं है। दो सप्ताह में ही सड़क हादसे में छह लोगों की मौत हो गई। ट्रैफिक पुलिस को समझा ही नहीं आ पा रहा है कि आखिर इतनी जागरूकता के बाद भी सड़क हादसों में कमी क्यों नहीं आ पा रही है?

एक फरवरी से नियम और सख्त

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए एक फरवरी से ट्रैफिक पुलिस सख्त नियम अपनाने जा रही है। अब हेलमेट एकदम अनिवार्य कर दिया गया है। एक फरवरी से हेलमेट नहीं पहनने वालों को तगड़ा जुर्माना देना होगा। यही सख्ती सीट बेल्ट ना बांधने वालों के साथ बरती जाएगी। शराब पीकर वाहन चलाने व दुर्घटना करने वाले, तेज रफ्तार गाड़ी चलाने वाले पुलिस के निशाने पर रहेंगे।

दुर्ग भिलाई ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने कहा, एक फरवरी से सभी चौक-चौराहों पर चेकिंग तेज की जाएगी। अभी लोगों को नशापान कर वाहन ना चलाने, हेलमेट पहनकर व सीट बेल्ट बांधकर वाहन चलाने की समझाइश दी जा रही थी। अब इसमें सख्ती बरती जाएगी।