रायपुर रेल मंडल के लोको पायलट (इंजन ड्राइवर) और सहायक पायलट शुक्रवार 27 अक्टूबर को वृहद विरोध प्रदर्शन करेंगे। वे ड्यूटी अवधि को लेकर लागू सीएमएस सिस्टम के साथ ड्यूटी टाइम में एक घंटे की कटौती का विरोध कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में करीब तीन हजार से अधिक पायलट शामिल होंगे।

अभी लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले ये कर्मचारी गेट मीटिंग और भूख हड़ताल करेंगे। दरअसल सिंगपुर में कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना के बाद से रेलवे बोर्ड ने ड्यूटी अवर्स की गणना के लेकर यह नया सिस्टम लागू किया है, जो पायलट के अनुकूल नहीं खिलाफ माना जा रहा है।

14 घंटे से ड्राइविंग सीट पर थे ड्राइवर

उक्त दुर्घटना की जांच में यह बात सामने आई थी कोरोमंडल एक्सप्रेस के पायलट अपने निर्धारित समय से अधिक 14 घंटे से ड्राइविंग सीट पर थे। उसके बाद से रेलवे बोर्ड ने देशभर में सीएमएस लागू किया है।

इसके मुताबिक पायलट इंजन में सवार होते ही बायोमैट्रिक्स अटेंडेंस एंट्री करेंगे और नौ घंटे की ड्यूटी जिस स्टेशन पर पूरी हो वहां पुन: एंट्री करेंगे, लेकिन उन्हें अपने रेस्ट रूम के मुख्यालय तक ट्रेन लेकर जाना ही होगा यानी अतिरिक्त ड्यूटी करेंगे, लेकिन उसकी एंट्री नहीं होगी। इसके लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने गोंदिया, दुर्ग, रायपुर, आरएसडी, तिल्दा, भाठापारा, बिल्हा जैसे रेलवे स्टेशनों में भी यह बायोमैट्रिक्स सिस्टम लगा दिया गया है।

लोको पायलट ये कह रहे बात

लोको पायलट का कहना है कि ड्यूटी पर घर से निकले हैं तो मिड सेक्शन में ड्यूटी ऑफ कैसे माना जाएगा। जब तक कि किसी मुख्यालय तक न पहुंचा जाए। रेलवे बोर्ड, मानवाधिकार कानून से बचने सीएमएस लागू कर रहा है, ताकि ड्यूटी आफ की पंचिंग के बाद जिम्मेदारी से बचा जाए और 15-16 घंटे काम लिया जा सके।