बिहार के गोपालगंज जिला अंतर्गत कुचायकोट प्रखंड के एक छोटे अहियापुर गांव स्थित एक पेड़ में भगवान शंकर का आकृति उग आई है. लोगों का मानना है कि यह आकृति इतनी स्पष्ट है कि इसे देखने वाले लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं. कुछ लोग इसे आस्था का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ इसे अंधविश्वास. दरअसल, 30 साल पहले इसी स्थान पर एक महिला सरला देवी पूजा करती थी. लेकिन 20 साल पहले ही महिला की मौत हो गई. उनकी मौत के बाद परिवार के सदस्य पूजा करते रहे. 10 साल बाद वे भी अलग जगह जाकर बस गए. इसके बाद पूजा स्थल बीरान हो गया और यहां छोटे बड़े पेड़ उग आए. इसी बीच यहां मौजूद एक पेड़ में भगवान शंकर का आकृति दिखाई दी है और यह इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.
ध्रुव देव तिवारी ने बताया कि इलाके जैसे-जैसे यह बात फैल रही है, लोग दर्शन और पूजन के लिए पहुंचने लगे हैं. पूजा-पाठ का दौर शुरू से जारी है. हर दिन लोग इस स्थान पर आकर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करते हैं. उन्होंने बताया कि घर के सामने ही यह पेड़ है और यहां भाई की पत्नी पहले पूजा-अर्चना करती थी. अब वहां एक पेड़ में भगवान शंकर की आकृति दिखाई दे रही है. स्थानीय लोग यहां मंदिर निर्माण कराने की बात कर रहे हैं. वहीं, कल्पनाथ तिवारी ने बताया कि जिस स्थान पर महिला पूजा करती थी उसी जगह पर पहले एक पत्थर और एक चापाकल था. इसके अलावा यहां कुछ नहीं था.

भगवान शंकर का लोग मान रहे हैं चमत्कार

कल्पनाथ तिवारी ने बताया कि महिला के गुजर जाने के बाद उसी जगह पर एक पेड़ उग आया और उसमें भगवान शंकर की आकृति दिखाई दे रही है. इसके बाद लोग पेड़ के नीचे दीपक जलाने के साथ फूल चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं. कुछ लोग इस आकृति को एक प्राकृतिक घटना मानते हैं. लेकिन, ज्यादातर लोग इसे भगवान शंकर का चमत्कार मान रहे हैं. इस आकृति के कारण इस स्थान का महत्व बढ़ गया है और लोग यहां आकर भगवान शंकर से मन्नत भी मांगने लगे हैं. यह घटना आस्था का प्रतीक है या अंधविश्वास? यह एक व्यक्तिगत मामला है. लेकिन लोग इसे चमत्कार ही मान रहे हैं और पूजा पाठ कर रहे हैं.