भोपाल। मध्यप्रदेश लोकसभा चुनावी समीकरण इस बार बदले हुए हैं। मंडला और सतना लोकसभा सीट पर भाजपा को इनकंबैंसी चुनौती दे रही है। सतना से चार बार के सांसद गणेश सिंह और मंडला से छह बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते बीता विधानसभा चुनाव इसी सीट से हारे। उधर, रतलाम सीट से कांतिलाल भूरिया भी लगातार आठवीं बार चुनावी मैदान में हैं। भूरिया को पांच जीत और दो हार का सामना करना पड़ा है।
बीते विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा भाजपा प्रत्याशी बंटी साहू को शिकस्त मिली। बालाघाट में पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक कंकर मुंजारे बसपा से चुनावी मैदान में हैं। लिहाजा मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। भाजपा-कांग्रेस दोनों ने यहां नए चेहरों पर दांव लगाया है। उधर, शहडोल सीट से भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह के सामने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को हैं। इस सीट पर पूरा दारोमदार आदिवासी मतदाताओं के हाथ में है। मार्कों की यहां के आदिवासी वर्ग में पैठ-पकड़ पुरानी है। ऐसे में राजगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की पकड़ के साथ इन सीटों के समीकरणों को लेकर भाजपा पूरा जोर इन सीटों पर लगाएगी। साथ ही बड़े नेताओं को इन सीटों पर प्रचार की कमान सौंपने की तैयारी है।
 इन सीटों के समीकरणों को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा की जन विरोधी नीतियों और वादाखिलाफी को लेकर जनता में नाराजगी है। कांग्रेस के प्रत्याशी भी भाजपा के उम्मीदवारों के मद्देनजर चुनावी मैदान में उतारे गए हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव प्रचार का अब पहला चरण शुरू हुआ है। पार्टी को शुरुआती संकेत भी बेहतर मिल रहे हैं। लिहाजा बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों से मुकाबले इस बार के परिणाम चौंकाने वाले सामने आएंगे। विपरीत परिणामों को भांपते हुए भाजपा इन सीटों पर जोर लगाने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस के दावों पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अंतर होता है। मंडला और सतना में विधानसभा चुनावों की बात की जाए तो कई बार ऐसा होता कि परिणाम विपरीत मिलते हैं। सालों से भाजपा का विकास और मोदी की गारंटी पर जनता का वोट मिलेगा। राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर वरिष्ठ नेतृत्व इन सीटों के अलावा सभी 29 सीटों पर ताकत झोंकेगें। दावा किया कि कांग्रेस के खाते में इस बार एक सीट भी नहीं होगी।