उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनकर तैयार हो चुका है और अब जनवरी में प्राण प्रतिष्ठा भी है. ऐसे में अब भगवान राम अपने गर्भगृह में विराजमान होंगे. ऐसे में लोग अपने राम के दर्शन करने के लिए भी बड़े आतुर है. ऐसे में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र भगवान राम के स्पेशल थ्री डी नेत्र यानी रियलस्टिक नेत्र होंगे. यह नेत्र बीकानेर के वीरेंद्र साकरीया ने बनाए हैं. इन नेत्रों की मीनाकारी भी वीरेंद्र ने बनाई है. वीरेंद्र ने बताया कि करीब 6 साल पहले उन पर लाखों रुपए का कर्जा था, लेकिन फिर अचानक अयोध्या में अपने मित्र के पास गए और रामलला के टेंट में दर्शन किए. तब से उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई. अब वह थ्री डी नेत्रों से अच्छी खासी कमाई कर रहे है.
वीरेंद्र साकरीया ने बताया कि मीनाकारी का काम करते हुए लगभग 5 से 6 साल हो गए है. बचपन से मुझे चित्रकारी का शौक था. चित्रकारी को पेशा बनाया. इसके अलावा पूरी दुनिया में रियलस्टिक नेत्र सिर्फ मैं ही बनाता हूं. रियलस्टिक नेत्र का मतलब यह थ्री डी की तरह दिखती है. इस रियलस्टिक नेत्र की खासियत है कि जब आप भगवान के नेत्र देखते हो तो मानो ऐसा लगता है भगवान चारों तरफ देख रहे है. वह बताते है कि अयोध्या में रामलला की मूर्ति के लिए इसी साल अप्रैल में भगवान के नेत्र चढ़ाएं थे. उनका पूरा परिवार रियलस्टिक नेत्र यानी थ्री डी नेत्र बनाता है. वीरेंद्र के इस काम में उनका बेटा और बेटी और पत्नी भी सहयोग करती है.

भगवान की आंखें बनाना गर्व की बात 
वीरेंद्र बताते है कि उनकी इच्छा थी कि भगवान राम की आंखे यानी नेत्र वे बनाए. जब निश्चय किया कि भगवान राम के नेत्र बनाने है तो मैं अयोध्या चला गया. तब वहां पुजारी जी के सामने अपनी इच्छा रखी तो मंदिर के पुजारी संतोष तिवारी ने बीकानेर के वीरेंद्र को रामलला के पुराने नेत्र के नाप दिए थे. उसी नाप से रियलस्टिक नेत्र बनाए. उन्होंने रामलला के पुराने नेत्र नाप के लिए दे दिए. इसके बाद वीरेंद्र ने यह नेत्र बनाए. 15 अप्रैल को अयोध्या नेत्र देने के लिए पुजारी जी के पास गए. 17 अप्रैल को उनके द्वारा बनाई गई आंखे भगवान राम के लग चुकी थी. आज भी यह नेत्र भगवान राम की मूर्ति पर लगी हुई है. कई बार भगवान राम के श्रृंगार बदलते रहते है तो कई बार उनके बनाए नेत्र ही ज्यादातर लगे रहते है.

नेत्र बनाने में  लगे पांच से छह दिन
वह बताते है कि भगवान राम के नेत्र बनाने में करीब पांच से छह दिन लगे थे. यह नेत्र सोने के बनाए गए थे. इस नेत्र की कीमत देखी जाए तो इसे  बनाने में करीब 6 से 7 हजार रुपए का खर्चा आया था.

कई मंदिरों के लिए बना चुके हैं नेत्र
वीरेंद्र ने बताया कि इन स्पेशल रियलस्टिक थ्री डी नेत्रों को शक्ति नेत्र बोलते है. इन्होंने अपने गले में यह नेत्र पहनते है. इस नेत्र का काफी प्रभाव अपने जीवन पर पड़ता है और इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. वे एक आंख यानी थ्री डी नेत्र की कीमत 1100 रुपए है. उन्होंने अब तक कई मंदिरों में भगवान के नेत्र बनाए है. वे बताते है कि उन्होंने अब तक हजारों नेत्र बनाकर लोग को दे चुके है.