नई दिल्ली ।   संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों से दिल्ली पुलिस की पूछताछ जारी है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अदालत में दायर अपनी रिमांड में सनसनीखेज खुलासे किए। पुलिस ने अदालत को बताया कि वारदात के कथित मास्टरमाइंड ललित झा और उसके साथी देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर किया जा सके। संसद पर हमला सुरक्षा में बड़ी चूक जरूर है, लेकिन ऐसा क्यों हुआ? इस घटना के पीछे बेरोजगारी और महंगाई है, जिसके लिए मोदी सरकार की नीतियां जिम्मेदार है।

संसद भवन में सुसाइड करने की थी प्लानिंग

मुख्य आरोपी सागर शर्मा ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने पुलिस अधिकारियों को बताया कि सभी ने प्लान A, B और C बनाया था। इसके तहत संसद भवन के बाहर आत्महत्या के प्रयास की कोशिश भी शामिल थी।

सागर शर्मा के मुताबिक, पहले संसद भवन के बाहर आत्महत्या का प्लान था। इसके लिए जेल (ज्वलनशील पदार्ध) खरीदने की कोशिश की गई। इसमें कामयाबी नहीं मिली तो संसद भवन के अंदर जाकर पीला धुआं छोड़ने की योजना बनी। पता चला है कि आरोपी पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते थे। आगे चलकर उनका उद्देश्य राजनीतिक पार्टी बनाने का भी था।

कहीं दुश्मन देश की साजिश तो नहीं

सभी आरोपियों की रिमांड मिलने के बाद पुलिस की जांच तेज हो गई है। अब इस एंगल से भी जांच की जा रही है कि कहीं आरोपियों के संबंध कहीं किसी दुश्मन देश से तो नहीं है। कहीं इस साजिश के पीछे आतंकी साजिश तो नहीं?

दिल्ली पुलिस 13 दिसंबर की घटना को दोहराने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है। 13 दिसंबर को दो युवक लोकसभा में दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए थे और फिर स्मॉक बम से पीला धुआं छोड़ा था। इससे संसदों के बीच हड़कंप मच गया था। ललित झा पूरे घटनाक्रम का मास्टर माइंड बताया जा रहा है, जो अब तक फरार था, लेकिन उसे गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। ने पूछताछ के दौरान ललित ने खुलासा किया कि उसने अपना फोन दिल्ली-जयपुर सीमा के पास फेंक दिया था और अन्य आरोपियों के फोन नष्ट कर दिए थे।