भोपाल । नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के राजनीतिक सफर की शुरुआत काफी तेज रही। मात्र 15 साल के राजनीतिक सफर में पटवारी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हो गए। इससे पहले वे प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। इंदौर के शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय से पढ़ाई के साथ राजनीति का ककहरा सीखने वाले जीतू पटवारी बीते समय से ही दिल्ली के करीबी माने जाते हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का उन्हें क्षेत्र में प्रभारी बनाया गया। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा निकाली गई जन आक्रोश यात्रा के वे प्रभारी रहे। बीते समय से कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, दो बार विधायक, 16 महीने की सरकार में मंत्री बने और अब प्रदेश संगठन की कमान संभालेंगे। राऊ क्षेत्र से दो बार लगातार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ताजा विधानसभा चुनाव में पटवारी की हार हुई, लेकिन समर्थकों ने इस पर यकीन नहीं किया। समर्थक अब भी मानते हैं कि हार के पीछे का सच कुछ और है। जीतू पटवारी के अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी के साथ प्रदेश कांग्रेस ने ओबीसी चेहरे को भी आगे कर दिया है। अपनी मुखरता और भाजपा पर हमलावर रुख रखने के कारण पटवारी की पहचान पूरे प्रदेश में है। कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री रहते पटवारी ने अपने समर्थकों का आधार भी पूरे प्रदेश में बनाया। खाती समाज से ताल्लुक रखने वाले पटवारी के समर्थक दावा करते हैं कि समाज के वोट प्रदेश की 45 प्रतिशत सीटों पर असर करते हैं। इंदौर के साथ आष्टा, सीहोर, राजगढ़, रतलाम, शाजापुर, धार, विदिशा, उज्जैन, देवास, ब्यावरा जैसे क्षेत्रों में समाज के वोटों का बड़ा असर है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नाम तय होने की घोषणा के बाद जीतू पटवारी सांवेर में हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे।