भोपाल। शाहपुरा थाना इलाके में स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे अभिज्ञान पटेल द्वारा पत्रकार सहित ढाबा चलाने वाले दंपत्ति के साथ मारपीट के बाद थाने में हंगामा करने और मंत्री के थाने पहुंचने का मामला लगातार गर्माता जा रहा है। मामले में मंत्री के बेटे के थाने में किये गये हंगामे के साथ ही मंत्री की थाने में मौजूदगी और उनके द्वारा की गई एक्टिविटी का वीडियो भी डीसीपी ने जांच रिपोर्ट में शामिल किया है। यह जांच रिपोर्ट कमिश्नर कार्यालय भेज दी गई है। इसके बाद कमिश्नर द्वारा की जाने वाली उक्त कार्रवाई का इंतेजार है। सूत्रों की माने तो वीडियो के आधार पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला कायम किया जा सकता है। प्रकरण की एफआईआर को लेकर भी आला अफसरो ने नाराजगी जताई है। थाना पुलिस ने एफआईआर में मारपीट करने वाले अभिज्ञान पटेल को आरोपी तो बनाया गया है, लेकिन उसके पिता का नाम, घर का पता एफआईआर में पुलिस ने दर्ज नहीं किया। एफआईआर में अभियुक्त के कॉलम में पूरी जानकारी पुलिस की तरफ से नहीं भरी गई। सिर्फ अभियुक्त में अभिज्ञान पटेल लिखा गया है। उपनाम, रिश्तेदार का नाम का कॉलम खाली छोड़ दिया गया है। इसके अलावा वर्तमान पता के कॉलम को खाली छोड़ दिया गया। भोपाल शहरी मध्यप्रदेश, भारत लिख दिया गया है। गौरतलब है की
शनिवार देर रात चौराहे पर पत्रकार के साथ विवाद के बाद स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे अभिज्ञान पटेल ने पत्रकार के साथ मारपीट की। जब पत्रकार भागकर पास के ढाबे में चला गया तब वहॉ पहुंचे अभिज्ञान और उसके दोस्तो ने पत्रकार और उसे बचाने आये ढाबा चलाने वाले दंपत्ति को भी पीट डाला। फरियादी दंपत्ति थाने पहुंचे वहीं अभिज्ञान भी थाने पहुंच गया। राज्यमंत्री का आरोप है कि थाने में अभिज्ञान को 4 पुलिसकर्मियों द्वारा लॉकअप में बंद कर बेल्ट, पट्‌टा और लात-घूंसों जमकर मारा गया है। मामले में 4 पुलिसकर्मियों को संस्पैड कर दिया गया है। खबर है की घटना के 4 दिन बाद मंत्री पुत्र अभिज्ञान पटेल ने पिटाई में आई चोटों का फोटो व वीडियो शेयर किया करते हुए फरियादी रेस्टोरेंट संचालक दंपती से हुए झगड़े के समय नशे में होने के पुलिस के आरोप को भी गलत बताया है। मंत्री के बेटे अभिज्ञान का कहना है कि वह हार्ट पेशेंट है, और डॉक्टरों ने कहा है की शराब पीना उनके लिये जानलेवा है। मैं कैसे शराब पी सकता हूँ।