गॉड ऑफ क्रिकेट कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर अक्सर विवादों से दूर रहना पसंद करते हैं। हालांकि जब उन पर बॉल टैंपरिंग (गेंद से छेड़छाड़) के आरोप लगे थे तो सचिन ने इन्हें काफी शांति से सुलझाया था। ऐसे में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में भारत की शर्मनाक हार पर तेंदुलकर ने भी अपनी निराशा व्यक्त की है।

भारतीय टीम की शर्मनाक हार-

पिछले कुछ सालों में भारतीय बल्लेबाजी ने आईसीसी के अहम टूर्नामेंट में तब घुटने टेक दिए जब टीम को खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सबसे ज्यादा जरूरत थी। ऐसे में दुनिया भर में टीम के एक फैसले की कड़ी आलोचना की जा रही है, टेस्ट के नंबर एक गेंदबाज को प्लेंइग इलेवन से बाहर रखना। 

ऑस्ट्रेलिया को दी बधाई-

अब तेंदुलकर ने भी सिलेक्टर्स और टीम के इस फैसले को गलत कहा है। तेंदुलकर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि टीम ऑस्ट्रेलिया को डब्ल्यूटीसी फाइनल जीतने पर बधाई। स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने खेल के पहले दिन मैच को अपनी तरफ करने में अहम भूमिका निभाई।

तेंदुलकर ने दी थी सलाह- 

टीम इंडिया के लिए कुछ अच्छे पल थे, लेकिन मैं प्लेइंग इलेवन में आर अश्विन को बाहर रखने का फैसला अब भी समय नहीं पाया हूं, जो वर्तमान में दुनिया का नंबर एक टेस्ट गेंदबाज है। डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले तेंदुलकर ने कहा था कि कैसे अश्विन और रवींद्र जडेजा की जोड़ी संयोजन भारत के लिए चमत्कार कर सकती है। तेंदुलकर ने जोर देकर कहा था कि मैच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा ओवल की पिच स्पिनरों के लिए मददगार होगी।

भारतीय मैनेजमेंट रही असफल-

कोच राहुल द्रविड़, कप्तान रोहित शर्मा सहित भारतीय टीम की मैनेजमेंट इस बात को नहीं समझ सकी। इसके अलावा तेंदुलकर ने बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अश्विन की खासियत भी बताई थी। सचिन ने लिखा कि जैसा मैंने पहले भी कहा था कुशल स्पिनर पिच की मदद पर भरोसा नहीं करते हैं। वे हवा, पिच की उछाल और अपने टैलेंट से गेंदबाजी में इ चीजों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा हमें भूलना नहीं चाहिए कि ऑस्ट्रेलिया के पास टॉप 8 बल्लेबाजों में से 5 बाएं हाथ के बल्लेबाज थे।