भोपाल । प्रदेश के राजगढ़ जिले के मोहनपुरा बांध के पानी में झूमका गांव के समीप पेड़ों के ऊपर करीब 30 बंदर फंस गए हैं। ये बंदर बांध के पानी के बीच में पेड पर बैठे हैं। इन बंदरों को करीब 36 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका। उन्हें निकालने के लिए पुलिस-प्रशासन, वन विभाग व होमगार्ड टीम लगातार दूसरे दिन चने व केले लेकर पहुंची थी। नाव में व आसपास चने, केले डालकर बंदरों को निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। बुधवार को नए सिरे से प्रयास किए जाएंगे। मोहनपुरा बांध जिस नेवज नदी पर बना है उसी के सहायक नदी है दूधी। पहली बार मोहनपुरा बांध को 393 मीटर से अधिक भर दिया गया। दूधी नदी का बैक वाटर झूमका गांव के आसपास भरा गया। जिन पेड़ों पर प्रतिदिन बंदर रात में बैठते थे वह स्थान रविवार शाम तक खाली था, लेकिन रात में पानी भरा गया। जिसके चलते करीब 30 बंदर उन पेड़ों पर ही फंसकर रह गए।  इसके बाद मंगलवार को दोपहर में फिर से एनडीआरएफ टीम दो बोट सहित रस्सा व अन्य सामग्री लेकर मौके पर पहुंची थी। बोटों को पानी में उतारने के साथ ही एक नाव का इंजन खराब होने से करीब दो घंटे रेस्क्यू अटका रहा। बाद में राजगढ़ से दूसरा इंजन पहुंचने पर रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया। टीम बोटों के सहारे उन पेड़ों के समीप पहुंची, जहां बंदर फंसे हुए थे। लेकिन बंदरों को देर शाम तक नहीं निकाला जा सका था।सोमवार को बंदरों को निकालने प्रशासन की टीम केले व चने लेकर पहुंची थी, लेकिन उन्हें नहीं निकाला जा सका था।