भोपाल । प्रदेश में बुधवार से एक बार फिर वर्षा का सिलसिला शुरू होने के आसार हैं। शहडोल, जबलपुर, रीवा संभाग के जिलों में बुधवार को कहीं-कहीं मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है। शुक्रवार से पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी बौछारें पड़ने की संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मानसून द्रोणिका अभी भी मध्य प्रदेश से होकर जा रही है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से एक बार फिर प्रदेश में मानसून की गतिविधियां बढ़ने लगेंगी। कम दबाव का क्षेत्र झारखंड होते हुए आगे बढ़ेगा। इसके प्रभाव से बुधवार से पूर्वी मध्य प्रदेश में मध्यम स्तर की बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है। शुक्रवार से पूरे प्रदेश में मध्यम स्तर की वर्षा होने के आसार हैं। बता दें कि इस सीजन में एक जून से लेकर मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में कुल 904.8 मिमी. वर्षा दर्ज हुई है। जो सामान्य वर्षा (914.0 मिमी.) की तुलना में एक प्रतिशत कम है। प्रदेश के मालवा अंचल के अलावा राजस्थान में हो रही बारिश के कारण चंबल नदी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, हालांकि मुरैना से लेकर श्योपुर तक बारिश नहीं हो रही है पर चंबल नदी में राजस्थान के कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से चंबल में उफान की आशंका है। बाढ़ जैसे हालात देखते हुए जिला प्रशासन ने मुरैना जिले के 88 गांवों में अलर्ट जारी करवा दिया है। गौरतलब है कि मंगलवार की शाम साढ़े 6 बजे तक कोटा बैराज के कुल 13 गेट खोलकर 2.80 लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है, जिसके और भी बढ़ने की संभावना है। यह पानी बुधवार शाम तक मुरैना में चंबल नदी तक पहुंचेगा। हालांकि नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खंडवा में 41 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबलपुर और खजुराहो में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अशफाक हुसैन ने बताया कि उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और उससे लगे ओडिशा के तट पर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है।