नई दिल्ली । हमारा चंद्रयान-3 अब से 9 ‎दिन बांद चांद की सतह पर उतरने वाला है। इसरो से ‎मिली जानकारी के अनुसार ‎फिलहाल वह चांद की ऑ‎‎र्बिट के चक्कर लगा रहा है, जिसे कम ‎किया जा रहा है। चांद पर तिरंगा फहराने निकले चंद्रयान-3  को आज पूरा एक महीना बीत गया है। चंद्रयान-3 लगातार और सफलतापूर्वक चांद के हाईवे पर यात्रा कर रहा है। आज से करीब 9 दिन बाद यानी 23 अगस्त को यह चांद की सतह पर लैंड करेगा। लेकिन आज 14 अगस्त का दिन भी चंद्रयान-3 के लिए बेहद खास है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो 14 अगस्त को एक बार फिर चंद्रयान-3 की ऑर्बिट को घटाएगा। चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को चंद्र सतह के करीब लाने के लिए यह प्रक्रिया सोमवार को की जा रही है। इस तरह चंद्रयान-3 आज चांद के चौथे ऑर्बिट में प्रवेश करेगा। बता दें कि पिछली बार यह प्रयास 9 अगस्त को किया गया था। चंद्रयान-3 पांच अगस्त को सफलतापूर्वक चंद्रमा के ऑर्बिट में प्रवेश कर गया था। अब अगली डी-ऑर्बिटिंग 16 अगस्त को की जाएगी।
गौरतलब है कि चंद्रयान-3, 23 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करेगा और 14 दिनों तक यहां काम करेगा। इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने में शुरू से अंत तक क्षमता प्रदर्शित करना है। चंद्रयान-3 में अंतर-ग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों को विकसित करने और प्रदर्शित करने के लिए एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है। वहीं पिछले हफ्ते, इसरो प्रमुख एस। सोमनाथ ने विश्वास जताया था कि चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। सोमनाथ ने कहा था कि भले ही चंद्रयान-3 के सभी सेंसर या इंजन फेल हो जाएं, लेकिन लैंडर चंद्रमा की सतह पर उचित लैंडिंग करेगा।