भोपाल । मौसम में तेजी से होने वाले बदलाव का असर अब लोगों की सेहत पर भी दिखने लगा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन एक दर्जन मरीज निमोनिया के आ रहे हैं। इनमें से 20 प्रतिशत मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। जेपी अस्पताल में बीते 2 दिन में 10 से अधिक बच्चे भर्ती हुए, इसमें ज्यादातर निमोनिया से पीडि़त हैं।
डा. विजय पाटीदार ने बताया कि ठंड के कारण निमोनिया पीडि़तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे मौसम में बच्चों और बुजुर्ग को विशेष तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है। डाक्टरों के मुताबिक निमोनिया की बीमारी अक्सर उन लोगों को होती है, जिन्हें एलर्जी हो या जिनकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली कमजोर होती है। निमोनिया के अधिकतर मामले बच्चों और बुजुर्गों में देखे जा रहे हैं। जिन लोगों को अस्थमा है या फेफड़ों से संबंधित अन्य कोई परेशानी है, उनको भी निमोनिया की शिकायत हो सकती है।
डाक्टरों की मानें तो ज्यादातर बच्चों में मर्ज की शुरुआत खांसी से होती है, जो बाद में लोअर लंग्स इन्फेक्शन का कारण बनती है और बच्चे निमोनिया की चपेट में आ जाते हैं। डाक्टर ने बताया कि पिछले हफ्ते 20 बच्चे निमोनिया से पीडि़त पाए गए। सोमवार से अचानक निमोनिया के मामलों में उछाल देखने को मिला है। सोमवार को चार और मंगलवार को तीन निमोनिया से ग्रसित बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बलगम वाली खांसी, बुखार के साथ पसीना आना, खांसी बढ़ जाना, सांस लेने में परेशानी होना, सीने में दर्द, बेचैनी, भूख न लगना, बीमार दिखना निमोनिया के प्रमुख लक्षण है।