Pension scheme: आरबीआई की नई रिपोर्ट में ओल्ड पेंशन को लेकर दी गई राज्यों को दी दोबारा न लागू करने की सलाह दी है। आरबीआइ ने यह टिप्पणी 11 दिसंबर 2023 को राज्यों की वित्तीय स्थिति पर जारी सालाना रिपोर्ट में की है।राज्यों की वित्तीय स्थिति वर्ष 2022-23 और वर्ष 2023-24 में काफी मजबूत होती दिख रही है।अधिकांश राज्यों के खजाने मजबूत हो रहे हैं और राजकोषीय घाटे को काबू में करने की इन्हें सफलता मिल रही है।
कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की योजना चल रही है और कई राज्यों में ऐसा कर भी दिया गया है। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब शामिल हैं। कर्नाटक में इसे दोबारा लागू करने की बात चल रही है। आरबीआई की नई रिपोर्ट में राज्यों को इसके खिलाफ चेताया गया है। आरबीआइ ने कहा है कि वर्ष 2021-22 व वर्ष 2022-23 में राज्यों की वित्तीय स्थिति में सुधार का सिलसिला चालू वित्त वर्ष के दौरान भी जारी रहने की संभावना है। हालांकि, कुछ चुनौतियां हैं, जिन पर ध्यान देना होगा। इसमें ओपीएस लागू करने को सबसे बड़ी चुनौती के तौर पर चिन्हित किया गया है। सोमवार को जारी रिपोर्ट ‘State Finances: A Study of Budgets of 2023-24’ में कहा गया है कि अगर सभी राज्य ओपीएस को बहाल कर देते हैं तो उनपर वित्तीय बोझ एनपीएस के मुकाबले 4.5 गुना बढ़ जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि

रिपोर्ट में कहा गया है कि ओपीएस से 2060 तक खर्च का अतिरिक्त बोझ जीडीपी का 0.9 फीसदी तक हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ राज्यों ने ओपीएस को बहाल कर दिया है और कुछ इस और बढ़ रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और वे विकास कार्यों पर खर्च नहीं कर पाएंगे। बकौल आरबीआई रिपोर्ट, ओपीएस पीछे जाने वाला कदम है और इससे पिछले किए सुधारों का लाभ खत्म हो जाएगा। रिपोर्ट में इससे अगली पीढ़ियों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि संभवत: ओपीएस का आखिरी बैच 2040 के शुरुआत में रिटायर होगा और 2060 तक उन्हें पेंशन मिलती रहेगी।

चुनाव से पहले का सुझाव

अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले आरबीआई ने लोक लुभावन वादों के चक्कर में ओपीएस न लागू करने की हिदायत तो दी ही है। साथ में यह भी कहा है कि राज्यों को अपने स्तर पर राजस्व बढ़ाने के तरीके सोचने चाहिए। आरबीआई ने कहा है कि राज्यों को रजिस्ट्रेशन फीस और स्टांप ड्यूटी को बढ़ाकर कमाई को बढ़ाने के बारे में विचार करना चाहिए।

टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन बेहतर हो

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों को टैक्स कलेक्शन बढ़ाने और चोरी रोकने के लिए अपने कर प्रबंधन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। इससे राज्यों को वित्तीय क्षमता और बढ़ेगी. रिपोर्ट में प्रॉपर्टी और एक्साइज के अलावा ऑटोमोबाइल पर लगाए जाने वाले कर पर नजर डालने को कहा है। अवैध खनन को रोककर भी रेवेन्यू बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।