रायपुर ।  भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पवन देव, अरुण देव गौतम, हिमांशु गुप्ता और एसआरपी कल्लूरी जल्द ही डीजी के पद पर पदोन्नत हो जाएंगे। दरअसल पदोन्नति की पात्रता रखने वाले ये चारों अधिकारी वर्तमान में एडीजी के पद पर कार्यरत हैं। जनवरी 2023 में 30 साल की सेवा पूरी करने पर ये डीजी पद के लिए पात्र हो जाएंगे। वहीं स्पेशल डीजी अभियोजन एवं एफएसएल के संचालक राजेश मिश्रा जनवरी 2024 में सेवानिवृत हो रहे हैं। चारों अफसरों के डीजी बनने के बाद किसी एक को डीजीपी और एक को स्पेशल डीजी बनाया जाएगा। वहीं अन्य को डीजी रैंक की जिम्मेदारी दी जाएगी। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने के बाद सेवानिवृत्त हो चुके डीजीपी अशोक जुनेजा (दो साल का कार्यकाल कांग्रेस सरकार ने बढ़ाया है) को हटाने की चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में डीजीपी की दौड़ में अरुण देव गौतम का नाम सबसे आगे है। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से डीजीपी अशोक जुनेजा को हटाए जाने की चर्चा तेज हो गई है, हालांकि इस पर फैसला विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद ही लिया जाएगा। इसे देखते हुए पुलिस महकमे में संभावित फेरबदल की कवायद भी तेज हो गई। दरअसल वरिष्ठ आइपीएस पवन देव, अरुण देव गौतम, हिमांशु गुप्ता और एसआरपी कल्लूरी की पदोन्नति के बाद जेल, ईओडब्ल्यू, अभियोजन एवं एफएसएल से लेकर नक्सल में स्पेशल डीजी और डीजीपी के पद पर फेरबदल होना तय माना जा रहा है। वर्तमान में पवन देव छत्तीसगढ़ पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन (सीजीपीएचसी), अरुण देव गौतम गृह विभाग के सचिव, हिमांशु गुप्ता मुख्यालय में एडीजी प्रशासन और एसआरपी कल्लूरी पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में पदस्थ हैं।

कांग्रेस ने बढ़ाया जुनेजा की सेवावृद्धि

प्रदेश के पुलिस मुखिया अशोक जुनेजा के 30 जून 2022 को सेवानिवृत्त होने पर कांग्रेस सरकार ने उनको पद पर बनाए रखते हुए दो साल की सेवावृद्धि दी थी। उनकी सेवावृद्धि पांच अगस्त, 2024 तक है। उनकी अगुवाई में ही विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ है। 1989 बैच के आइपीएस अशोक जुनेजा 11 नवंबर, 2021 को डीजीपी बनाए गए थे।

डीजीपी की रेस में कल्लूरी भी

डीजीपी बनने की रेस में प्रदेश के पांच आइपीएस अफसरों का नाम प्रमुख रूप से लिया जा रहा है। इनमें से अरुण देव गौतम और एसआरपी कल्लूरी में से किसी एक को मौका मिल सकता है। 1992 बैच के अरुण देव गौतम सितंबर 2027 में सेवानिवृत होंगे। वहीं 1994 बैच के एसआरपी कल्लूरी की सेवानिवृत्ति वर्ष 2031 में है। दोनों वरिष्ठ अफसरों के लंबे कार्यकाल को देखते हुए पुलिस मुखिया बनाने पर विचार किया जा सकता है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में बस्तर रेंज के तेज तर्रार आइजी रहे एसआरपी कल्लूरी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी अफसरों में गिने जाते रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार के आने के बाद से लूप लाइन में डाल दिए गए। वर्तमान में वे पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में पदस्थ हैं, जबकि गृह विभाग के सचिव के पद काम कर रहे अरुण देव शांत स्वभाव के अफसरों में शुमार हैं।

सेवानिवृत गुप्ता की वापसी की चर्चा

भाजपा सरकार के बनते ही सेवानिवृत हो चुके वरिष्ठ आइपीएस मुकेश गुप्ता की फिर से छत्तीसगढ़ में वापसी की चर्चा तेज हो गई है। चर्चा इसलिए भी है कि इन दिनों वे लगातार रायपुर आना-जाना कर रहे हैं। भूपेश बघेल सरकार ने वर्ष 2019 में उन्हें निलंबित कर दिया था। हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने उनका निलंबन समाप्त कर दिया था। इस बीच 30 सितंबर को वे सेवानिवृत हो गए थे। जानकार सूत्र बताते हैं कि उन्हें मुख्यालय में ओएसडी या फिर मुख्यमंत्री सचिवालय में संविदा नियुक्ति दी जा सकती है। डा.रमन सिंह के करीबी अफसरों में गुप्ता का नाम भी शामिल है।