मुंबई। मुंबई की एनसीबी जोनल यूनिट एक बार फिर से सक्रिय हो गई है. मुंबई पुलिस का एंटी-नारकोटिक्स स्क्वॉड पिछले कुछ महीनों से नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान चला रहा है। अब एंटी नार्कोटिक्स सेल की वर्ली यूनिट ने गुजरात  के भरूच जिले के अंकलेश्वर में एक ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर वहां से 513 किलोग्राम एमडी ड्रग्स (मेफेड्रोन) बरामद किया है. जब्त की गई ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1,026 करोड़ रुपये है. इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 5 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और दो आरोपी एंटी नार्कोटिक्स सेल की हिरासत में हैं. एंटी नार्कोटिक्स सेल द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि 29 मार्च 2022 के दिन एंटी नार्कोटिक्स सेल की वर्ली यूनिट ने शिवाजी नगर गोवंडी से जो ड्रग्स की खेप पकड़ी थी उसके बाद से ही पुलिस इसका सोर्स पता लगाने में जुटी हुई थी. मुंबई पुलिस को इस खेप को पकड़ने में पांच महीने तक मशक्कत करनी पड़ी है. 29 मार्च के बाद से ही मुंबई पुलिस की एंटी नार्कोटिक्स सेल इस पर लगातार काम कर रही थी. पुलिस को लगता है कि ये एक बड़ा अंतरराज्यीय ड्रग्स गिरोह है, जो कई राज्यों में फैला हुआ है. पुलिस के मुताबिक ये गिरोह खासतौर पर युवाओं को निशाना बनाता है. ये ड्रग्स हाई प्रोफाइल सर्कल में सप्लाई की जाती है. बता दें कि, बीती 29 मार्च को मुंबई पुलिस की एंटी नार्कोटिक्स सेल की वर्ली यूनिट ने मुंबई के शिवाजी नगर इलाके से ड्रग तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने इनके पास से करीब 4.5 करोड़ रुपये के एमडी (ड्रग्स) का स्टॉक भी जब्त किया था. तभी से पुलिस इस गिरोह की जांच में जुट गई थी. एंटी नार्कोटिक्स सेल ने इसके बाद बीते  3 अगस्त को मुंबई से सटे नालासोपारा इलाके से 1,403 करोड़ रुपये मूल्य का 701 किलोग्राम मेफेड्रोन (एमडी) जब्त किया था. इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. इस रैकेट में शामिल महिला द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एक अन्य संदिग्ध को 2 अगस्त को हिरासत में लिया गया था. इस मामले के पांचवें आरोपी को 3 अगस्त को भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था. पांचवां आरोपी केमिस्ट्री ग्रेजुएट था. आरोपी अपनी इस नॉलिज का इस्तेमाल ड्रग्स बनाने में करता था. वह सोशल मीडिया के जरिए अपने ग्राहकों से संपर्क कर रहा था. सभी आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया था.