नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा कितनी मजबूत है इसका खुलासा उस वक्त हो गया जब पूरी संसद धुंआ धुंआ हो गई। भीतर घुसे दो युवकों ने सदन में धुंआ भर दिया तो बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने धुंआ छोड़ दिया। अब संसद की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करने वाली इस घटना पर राजनीति भी शुरु हो गई है। पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे सोशल मीडिया वॉर के तहत एक दूसरे पर हमले हो रहे हैं। आरोप प्रत्यारोप के बीच भाजपा की आईटी सेल की तरफ से सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी आई। जिसमें लिखा हुआ था कि सुरक्षा में सेंध लगाने वाली महिला नीलम आजाद कांग्रेस इंडिया गठबंधन की समर्थक है। एक बार उससे मुलाकात करेंगें तो पता चलेगा कि वह एक आंदोलनजीवी है,जिसे कई विरोध प्रदर्शनों में देखा गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर उस महिला को भेजा किसने है। भाजपा आईटी सेल प्रमुख मालवीय ने कहा, उनके दिमाग में इस तरह के विचार किसने भरे होंगे? दिल्ली की उनकी लगातार यात्राओं और फ्लाइट टिकटों को किसने प्रायोजित किया? उन्होंने नीलम (एनसीआर से बाहर) और लखनऊ के सागर शर्मा के साथ कैसे सहयोग किया? कौन विभिन्न शहरों के लोगों के साथ इस मॉड्यूल को एक साथ रखें? क्या मनोरंजन कांग्रेस या एसएफआई प्रायोजित आंदोलनों में सक्रिय था? क्या वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुआ था? इस पर अंतिम शब्द अभी तक सामने नहीं आया है... लेकिन एक बात स्पष्ट है: विपक्ष ने 13 दिसंबर को एक उद्देश्य के साथ संसद को अपवित्र किया। 
इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समस्या को गंभीर सुरक्षा उल्लंघन के रूप में देखने के बजाय किसी तरह विपक्ष पर दोष मढ़ने का प्रयास किया जा रहा है। एक्स पर एक पोस्ट में, चतुर्वेदी ने कहा,समस्या को गंभीर सुरक्षा उल्लंघन के रूप में देखने के बजाय किसी तरह विपक्ष पर दोष मढ़ने का प्रयास किया जा रहा है। पता नहीं कि संसद की सुरक्षा के लिए विपक्ष जिम्मेदार है। यह नहीं पता कि (बीजेपी के कर्नाटक के मैसूरु सांसद) प्रताप सिम्हा का विपक्ष से कोई लेना-देना है और यह नहीं पता कि इस नई संसद को विपक्षी बेंच द्वारा डिजाइन किया गया था।
यह टिप्पणी लोकसभा में शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान बुधवार को दो लोगों के दर्शक दीर्घा से कूदने के एक दिन बाद आई है। दोनों ने सदन में पीले रंग का धुआं भी छिड़का। सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया और सुरक्षा अधिकारियों को सौंप दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को डीजी सीआरपीएफ अनीश दयाल सिंह के तहत अन्य सुरक्षा एजेंसियों और विशेषज्ञों के साथ संसद सुरक्षा उल्लंघन की जांच का आदेश दिया। दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सुरक्षा चूक मामले की जांच कर रही है।