लंदन। नाइजीरिया वो देश हैं जो बेबी फार्मिंग यानी बच्चों की खेती के लिए जाना जाता है। इसका आधुनिक नाम से सरोगेसी दिया गया है। सरोगेसी का सीधा मतलब देखे तो इसे किराए की कोख भी कहा जाने लगा है। बस इसी किराएदारी के नाम पर गोरख धंधा हो रहा है। जिसके कारण कई नाबालिग लड़कियों की जिदंगी ही तबाह हो रही है। वजह है कि नाबालिग बच्चियों को किडनैप किया जाता है और उन्हे जबरियां गर्भधारण कराया जाता है। इनकी उम्र 14-17 साल के बीच होती है।
बेबी फार्मिंग के नाम से चलने वाला ये घिनौना धंधा आराम से चल रहा है। कम उम्र की लड़कियों को किडनैप करके इस धंधे में उतारा जाता है। उन्हें ज़बरदस्ती प्रेग्नेंट किया जाता है और बच्चे पैदा करने के लिए मजबूर किया जाता है। इस बिजनेस को बढ़ावा मिलता है उन कपल्स से, जिनकी कोई संतान नहीं हैं। ऐसे में लड़कियों को जबरन सरोगेट मदर बनाकर उनसे बच्चे पैदा कराए जाते हैं और फिर इन्हें ऊंची कीमत पर बेच दिया जाता है। बेबी फार्मिंग का व्यापार अस्पतालों, अनाथालयों और दूसरी जगहों पर चोरी-छिपे चलाया जा रहा है। कई बार तो खुद गरीबी और बदहाली की वजह से लड़कियां और महिलाएं सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार हो जाती हैं। ऐसा नहीं है कि इस घिनौने धंधे के बारे में किसी को पता नहीं है। अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रह चुके बेबी फार्मिंग के तमाम केस सामने आ चुके हैं और मानवाधिकार संस्थाएं इसे खत्म करने के लिए प्रयास भी करती रही हैं लेकिन ये पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। साल 2011 में गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षाकर्मियों ने एक छापे में 32 प्रेग्नेंट महिलाओं को रिहा कराया था. ये लड़कियां छोटी उम्र में प्रेग्नेंट होने के बाद भी अबॉर्शन नहीं करा सकतीं क्योंकि नाइजीरिया का कानून इसे इज़ाजत नहीं देता। यहां अबॉर्शन को बड़ा अपराध माना जाता है और इस पर 3-7 साल की जेल हो सकती है। माफिया इस तरह पैदा हुए बच्चों को 3-4 रुपये में बेचकर मुनाफा कमाते हैं।