भोपाल । प्रदेश के उज्जैन शहर में आज महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह निकाला जाएगा। इससे पहले आज तडके चार बार बजे महाकाल मंदिर में रंगपंचमी का त्योहार प्रतीकात्मक रूप से मनाया गया। भस्म आरती में पुजारियों ने भगवान महाकाल को केसर और टेसू के फूलों से बना केवल एक लोटा रंग अर्पित किया।मंदिर की परंपरा अनुसार आज शाम महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह निकाला जाएगा। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर में धुलेंडी के दिन भस्म आरती के दौरान केमिकलयुक्त गुलाल के अत्यधिक उपयोग से महाकाल के गर्भगृह में आग लग गई थी। इस घटना में महाकाल के पुजारियों व सेवकों सहित 14 लोग घायल हो गए थे। धुलेंडी के दिन हुए हादसे से सबक लेते हुए ही महाकाल मंदिर प्रशासन ने पहले ही रंगपंचमी पर पुजारी, पुरोहित व भक्तों के होली खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया था।इस कारण आज भस्म आरती दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थी अपने साथ रंग, गुलाल लेकर नहीं आ सके। इसके साथ ही मंदिर के प्रवेश द्वारों पर सख्त जांच के बाद ही भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया गया। मंदिर समिति के अनुसार रंगपंचमी पर्व की परंपरा निभाने के लिए महाकाल मंदिर समिति ने पुजारियों ओर पुरोहितों को एक लोटा प्राकृतिक रंग उपलब्ध कराया । उल्‍लेखनीय है कि पहले पुजारी रंगपंचमी मनाने के लिए टेसू के फूलों से दो-दो सौ लीटर के ड्रम भरकर रंग तैयार करते थे। महाकाल की आरती के दौरान गर्भगृह, नंदी हाल और मंदिर परिसर में जमकर होली खेली जाती थी। प्रशासन ने इस बार इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। बीते दिनों में महाकाल मंदिर के गर्भग्रह में आग लगने की घटना होने के बाद प्रशासन द्वारा विशेष सतर्कता बरती जा रही है।