नई दिल्ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला इंडिया गठबंधन की सहयोगी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी पार्टी अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में ऐसे मित्र के खिलाफ चुनाव लड़ रही है जो एक सीट के लिए लालची बन गया है। अब्दुल्ला ने पीडीपी के दक्षिण कश्मीर की सीट से चुनाव लड़ने पर यह बात कही। 
उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर सीट पर लड़ाई भाजपा से नहीं है। दुर्भाग्य से, वहां नेशनल कॉन्फ्रेंस का मुकाबला हमारे एक मित्र से है जो कुछ दिन पहले तक हमारे साथ था। अब एक सीट के लालच में हमें छोड़ दिया। अब्दुल्ला ने श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा एनसी और पीडीपी विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। वे पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन का भी हिस्सा था जिसका गठन अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद किया गया था। एनसी की ओर से पीडीपी के लिए एक भी सीट छोड़े बिना कश्मीर घाटी में सभी 3 निर्वाचन क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारने की घोषणा किए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया। पीडीपी ने तीनों सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि भाजपा घाटी में संसदीय चुनाव सीधे तौर पर नहीं लड़ रही है, बल्कि वह अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस जैसे दलों का समर्थन कर रही है। हम अच्छी तरह से जानते हैं कि भाजपा यहां किसका समर्थन करती है, लेकिन उनके जीतने की कोई संभावना नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भगवान ने चाहा तो नेशनल कॉन्फ्रेंस सभी तीन सीट जीतेगी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने एनडीए के 400 पार वाले भाजपा के दावे पर कहा कि नतीजों के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि लद्दाख सीट उनके हाथ से फिसल रही है। उन्होंने कहा कि कल हुए मतदान के बाद ऐसा लगता है कि वे उधमपुर सीट नहीं बचा पाएंगे। देखते हैं कि जम्मू सीट पर भी क्या होगा।
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने उनकी पार्टी को जम्मू में दोनों सीट पर जीत दिलाने का दावा किया है। इस बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि मैं रैना को याद दिला दूं कि जम्मू सीट पर अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं और हमें यह भी नहीं पता कि वहां कितना मतदान होगा। पहले मतदान होने दें, फिर भाजपा को अपनी जीत का दावा करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने कश्मीर में कई दावे किए थे, लेकिन वह घाटी में चुनावी मैदान से भाग गई। अब्दुल्ला ने सवाल किया कि भाजपा ने मैदान क्यों छोड़ा? उनकी क्या मजबूरी थी? रैना दक्षिण कश्मीर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उन्होंने चुनाव क्यों नहीं लड़ा? वो इसलिए कि उन्हें हार का डर सता रहा है। वह जानते हैं कि वह यहां से हार रहे हैं।