जीका एक मच्छर जनित यानी मॉस्किटो बॉर्न वायरस है, जो डेंगू बुखार, पीला बुखार और वेस्ट नाइल वायरस के समान है। यह संक्रमण माइक्रोसेफली नामक बर्थ डिफेक्ट से जुड़ा है, जो गर्भवती होने पर जीका से संक्रमित होने वाली महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चों को प्रभावित कर सकता है। जीका एक संक्रामक रोग है, जो वायरस से होता है।

यह वायरस संक्रमित मच्छरों द्वारा फैलता है, जिनमें एडीज़ एजिप्टी और एडीज़ एल्बोपिक्टस प्रजातियां शामिल हैं। जीका वायरस आमतौर पर हल्का होता है और अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, इस वायरस का असर सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भस्थ शिशु पर देखा गया है।

जीका वायरस के लक्षण

  • बुखार
  • शरीर में दाने, लाल धब्बे जो चपटे, उभरे हुए या दोनों हो सकते हैं
  • आर्थ्राल्जिया (जोड़ों का दर्द)
  • कंजंक्टिवाइटिस (लाल, सूजी हुई आंखें)
  • सिरदर्द

जीका वायरस से बचाव

जीका वायरस से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका उन देशों की यात्रा न करना है, जहां जीका के मामले सामने आ रहे हों। हालांकि, अगर आपको किसी प्रभावित क्षेत्र की यात्रा करनी है, तो ये कदम उठाकर आप मच्छरों के काटने से बच सकते हैं-

  • मच्छरों को काटने से रोकने के लिए लंबी बाजू वाली शर्ट और लंबी पैंट पहनें।
  • जितना संभव हो घर के अंदर ही रहें और वातानुकूलित कमरों में रहें।
  • मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • गर्भवती महिलाएं डीईईटी या पिकार्डिन वाले बग स्प्रे के इस्तेमाल से खुद को सुरक्षित रख सकती हैं।

जीका वायरस का इलाज

जीका वायरस संक्रमण का इलाज इसके लक्षणों पर निर्भर करता है, जो ज्यादातर लोगों में हल्के होते हैं। ऐसे में इसके इलाज के तौर पर डॉक्टर आपको आराम करने, खूब सारे तरल पदार्थ पीने और बुखार के लिए एसिटामिनोफेन लेने की सलाह दे सकते हैं।

वहीं, अगर आप गर्भवती हैं, तो आपके लक्षण समाप्त होने के बाद भ्रूण की असामान्यताओं पर नजर रखने के लिए आप अपने डॉक्टर से नियमित चेकअप कराएं। इसके अलावा एंटीवायरल ट्रीटमेंट की जांच की जा रही है, लेकिन जीका वायरस संक्रमण को रोकने या इलाज करने के लिए वर्तमान में कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं है।