आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि मनाई जा रही है. इस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है. इस के चलते 9 दिन में देवी के 9 रूपों की पूजा होती है.

प्रतिपदा से नवमी तक देवी को विशेष भोग लगाने तथा उस भोग को निर्धनों में दान करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है. आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि 19 जून से आरम्भ हो गई है. 9 दिन के इस अनुष्ठान में श्रद्धालुओं को चाहिए कि वे देवियों को विशेष भोग लगाएं तथा उस भोग को गरीबों में दान करें. इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही शारीरिक कष्ट से मुक्ति मिलती है. इन 9 दिनों में देवियों को अलग अलग फूलों की माला भी अर्पण करनी चाहिए.

पहले दिन शैलपुत्री की पूजा:-
गुप्त नवरात्रि के पहला दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन घी से बनी मिठाई का भोग लगाएं तथा निर्धनों में दान करें. इसके साथ ही कनेल फूल की माला माता को चढ़ाएं. इससे शारीरिक कष्टों से मुक्ति प्राप्त होगी.

दूसरे दिन माता ब्राह्मचारनी की पूजा:-
गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्राह्मचारनी की पूजा की जाती है. इस दिन शक्कर से बने प्रसाद का भोग लगाएं. साथ ही निर्धनों को दान करें. पूजा में बेली फूलो से बनी माला अर्पण करें. इससे दीर्घायु होते हैं.

तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा:-
गुप्त नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इस दिन माता को दूध चढ़ाये तथा निर्धनों को दान करें. हर्श्रृंगार फूलो की माला चढ़ाएं. इससे सभी तरह के दुखों से मुक्ति प्राप्त होती है.

चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा:-
गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है. इस दिन मालपुए का भोग लगाकर निर्धनों में दान करें. इसके साथ ही इस दिन माता को उड़हुल फूल की माला चढ़ाएं. इससे सारी बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है.

पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा:-
गुप्त नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इस दिन केला का भोग लगाएं तथा भोग को निर्धनों में दान करें. इसके साथ ही इस दिन बेला के फूलों की माला माता को चढ़ाएं. इससे घर में सुख-शान्ति बनी रहती है.

छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा:-
गुप्त नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इस दिन शहद का भोग लगाएं. इसके साथ ही इस दिन लाल वस्त्र पहनकर उड़हुल फूल की माला माता को चढ़ाएं. इससे धन संबंधी समस्या का निराकरण होता है.

सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा:-
गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है. इस दिन गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाएं. उस प्रसाद को निर्धनों में दान करें. इसके साथ ही इस दिन बेलपत्र एवं अपराजिता फूलों की माला माता को चढ़ाएं. इससे निर्धनता दूर होती है.

आठवें दिन माता महागौरी की पूजा:-
गुप्त नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन नारियल का भोग लगाएं तथा नारियल निर्धनों में दान करें. इसके साथ ही इस दिन उड़हुल और बेला की माला चढ़ाएं. इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा:-
गुप्त नवरात्रि के नौवें एवं अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन दूध से बनी खीर या साबूदाने का प्रसाद भोग लगाएं. यह प्रसाद निर्धनों में दान करें. इसके साथ ही इस दिन गेंदा फूल एवं अपराजिता फूल से बनी माला चढ़ाएं. इससे सारी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी.