बैतूल ।  गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक महिला स्वयं को जिला शिक्षा अधिकारी बताते हुए कक्ष में जाकर कुर्सी पर बैठ गई। महिला के पहनावे से कार्यालय के कर्मचारी भी उसे अधिकारी समझकर कुछ कहने से बचते रहे। सूचना मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी डा अनिल सिंह कुशवाह कार्यालय पहुंचे और उनकी कुर्सी पर बैठी महिला से पूछताछ की। पहले तो वह शिक्षा विभाग से आदेश जारी होने का हवाला देती रही। महिला ने अपना नाम देवकी चौकीकर बताया और यह भी जानकारी दी कि इसके पहले वह दमोह जिले में जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत थी।

जिला शिक्षा अधिकारी को करना पड़ा भोपाल कार्यालय में संपर्क

महिला के अजीब व्यवहार को देखकर जिला शिक्षा अधिकारी कुशवाह ने भोपाल कार्यालय में संपर्क कर इसके संबंध में जानकारी ली तो वहां से बताया गया कि इस नाम का कोई अधिकारी नहीं है और न ही कोई आदेश ही जारी हुआ है। इसके बाद कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई। कोतवाली से महिला डेस्क प्रभारी अश्वनी चौधरी और अन्य महिला पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। महिला को कोतवाली लाकर पूछताछ की तो उसके मानसिक रूप से बीमार होने का पता चला।

महिला के पास मिले मोबाइल में अंतिम बार जिस नंबर पर बात हुई थी उस पर फोन लगाया गया तो पता चला कि वह उसके भाई का है जो बैतूल बाजार के पास किसी गांव में निवास करते हैं। उन्हें महिला के बारे में बताया और कोतवाली बुलाया गया। महिला के भाई ने पुलिस को जानकारी दी है कि उसके पति शिक्षक हैं और कुछ महीने पहले ही दमोह जिले से स्थानांतरित होकर बैतूल आए हैं।

नागपुर के अस्पताल में चल रहा महिला का उपचार

महिला मानसिक रूप से बीमार है और उसका नागपुर के अस्पताल में उपचार चल रहा है। इसके पहले भी वह कई बार ऐसी ही हरकतें कर चुकी है। पुलिस ने महिला के बीमार होने की जानकारी मिलने पर भाई के सुपुर्द कर दिया है। महिला डेस्क प्रभारी अश्वनी चौधरी ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई है। सूचना दी गई थी जिस पर हमने कार्यालय पहुंचकर महिला को पूछताछ के लिए कोतवाली लाया था।

मानसिक रूप से बीमार होने का पता चलने के बाद उसे भाई के सुपुर्द कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी डा अनिल सिंह कुशवाह ने बताया कि महिला के पहनावे को देखकर कर्मचारियों को भी लगा कि कोई अधिकारी ही हैं। हालांकि उसकी बातचीत और कुछ देर बार रोने का नाटक करने से यह अहसास हो गया था कि मानसिक रूप से बीमार है। हमने वरिष्ठ कार्यालय में पुष्टि करने के बाद पुलिस को सूचना देकर बुला लिया था।