भोपाल। सोशल मीडिया पर फ्रैंडशिप के बाद मंहगा गिफ्ट भेजने के नाम पर कस्टम फ्रॉड कर महिला से 71 लाख की ठगी करने वाले नाईजीरियन ठगो के एक और साथी बैंक खाता धारक को सायबर क्राइम ब्रांच भोपाल की टीम ने बरेली उ.प्र. से गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि ठगी के मास्टर माइण्ड विदेशी नागरिक पूर्व में ही पुलिस के हत्थे चढ़ चुके है।  अति. पुलिस उपायुक्त सायबर सेल शैलेन्द्र सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी नरशे मुदगल पिता आर.ए. मुदगल (45) निवासी इन्द्रपुरी भोपाल ने पूर्व में ‍शिकायत करते हुए बताया था कि उसकी बहन प्रीति शर्मा पत्नी अमित शर्मा जो मेलर्बन आस्ट्रेलिया में रहती है। उससे एक विदेशी युवक ने सोशल मीडिया के जरिये दोस्ती की और फिर उसे पार्सल द्वारा एक करोड़ का कीमती तोहफा भेजने का झांसा दिया। झांसे में आकर उसकी बहन प्रीति ने पार्सल भेजने वाले और पार्सल डिलेवर करने वाले दो अज्ञात शातिरो में झांसे में आ गई और ठगो के कहने पर पार्सल को हासिल करने करने के लिये प्रीती ने पार्सल डिलेवरी चार्ज, एन्टी मनी लॉण्डरिंग फीस, एण्टी टेररिजम सर्टिफिकेट, टेक्स आदि के नाम पर 13 अलग-अलग बैंक एकांउट में करीब 71 लाख की रकम जमा करा दी। पैसा लेने के बाद अज्ञात आरोपियो ने प्रीती से संर्पक खत्म करते हुए अपने मोबाईल फोन बंद कर लिये। जांच के बाद पुलिस ने धारा 420,120बी के तहत मामला कायम कर लिया था। टीम ने बैंक खातों, मोबाईल नंबरो सहित अन्य तकनीकी सुरागो के आधार पर दो नाईजीरियन युवको अबूह मारवलस पिता अबूह (23) और जोसेफ डायोज पिता जॉन नोको (30) पूर्व में गिरफ्तार किया जा चूका है। मामले में एक और विदेशी आरोपी यापो माईकल उर्फ प्रोस्पा निवासी डी-7 राजहंश विहार विकास नगर उत्तम नगर फेस,2 दिल्ली फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने अब ठगो को कमीशन लेकर बैंक अकाउंट उपलब्ध कराने वाले आरोपी इरशाद पिता सद्दीक (48) निवासी, जगतपुर, न्यू बस्ती, बरेली, उत्तर प्रदेश को भी पकड़ लिया है। आरोपी एक शादी हॉल में काम करता है। पकड़ाया गये आरोपी ने इरशाद इंटरप्राईजस नाम से करेंट अकाउंट ओपन कराया था। इसके बाद कमीशन लेकर उसे जालसाजो को बेच दिया। दोनो आरोपी इस एकाउंट में लोगो से की गई ठगी की रकम जमा कराते थे। पुलिस ने इरशाद को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। 
* इस तरह करते थे ठगी
अधिकारियो ने बताया की नाईजीरियन ठगो द्वारा की जाने वाली जालसाजी एक संगठित अपराध है। आरोपी पहले तो सोशल साईटस फेसबुक, व्हॉटसएप के जरिये महिलाओं से फ्रैंडशिप कर तथा उन्हे कीमती गिफ्ट,  विदेशी रकम पार्सल के जरिये भेजने का कहते और बाद में उनके साथी कस्टम अधिकारी बनकर फरियादी को फोन कर पार्सल में कीमती विदेशी वस्तुओं पर पार्सल डिलेवरी चार्ज, एन्टी मनी लॉण्डरिंग फीस, एण्टी टेररिजम सर्टिफिकेट, टेक्स आदि के नाम लाखो की रकम ऐंठ कर अपना मोबाइल बंद कर लेते थे।