टैटू बनवाना या पियर्सिंग, सेहत के लिए कितने सुरक्षित हैं? यह लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। टैटू बनाने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली निडिल से संक्रमण के जोखिमों को लेकर कई रिपोर्ट्स में लोगों को आगाह किया जाता रहा है, पर जोखिम सिर्फ निडिल तक ही सीमित नहीं हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि टैटू बनाने के लिए जिस इंक का इस्तेमाल किया जाता रहा है वो भी सुरक्षित नहीं है। इंक में हानिकारक तत्व हो सकते हैं जिनसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा रहता है।

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में टैटू इंक के कराण लोगों में संक्रमण होने की कई शिकायतें मिलीं। कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें इंक से एलर्जी भी हुई। ये इंक कितने हानिकारक हो सकते हैं इसे जानने के लिए बिंघमटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कुछ प्रकार के टैटू इंक के कैमिकल कंपोजिशन को लेकर बड़ा खुलासा किया है।

टैटू इंक में दो प्रमुख कंपोनेंट्स होते हैं- पिगमेंट और एक कैरियर सोल्यूशन। इंक के रासायनिक विश्लेषण से पता चला कि कुछ इंक में इथेनॉल जैसे तत्व मौजूद हो सकते हैं जो उत्पाद लेबल पर सूचीबद्ध नहीं किए गए थे। विशेषज्ञ ने कहा कि ये पिगमेंट्स वैसे तो रासायनिक रूप से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन बैक्टीरिया या पराबैंगनी प्रकाश उन्हें नाइट्रोजन-आधारित यौगिक में बदल सकते हैं, जिससे त्वचा में कैंसर का जोखिम हो सकता है।

टैटू में हो सकते हानिकारक तत्व

जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में जर्मन और फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने टैटू वाले चार व्यक्तियों के शव परीक्षण के दौरान अपने निष्कर्षों का वर्णन किया है। एक्स-रे फ्लोरोसेंट तकनीक का उपयोग करके शोधकर्ताओं ने टैटू वाले हिस्से से टाइटेनियम डाइऑक्साइड के नैनोकणों की पहचान की, जो सफेद और रंगीन टैटू पिगमेंट में एक आम घटक है। ये लिम्फ नोड्स की समस्याओं को बढ़ाने वाले कारक हो सकते हैं।