मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है। शाजापुर जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ एक महिला स्वास्थ्यकर्मी को जीपीएफ का पैसा नहीं मिल पा रहा है। चार महीने से वह दफ्तरों के चक्कर लगा रही है। अब उसने जीपीएफ की रकम पाने के लिए सिविल सर्जन के नाम से मुंडन करा लिया।

मामला शाजापुर जिला मुख्यालय पर पदस्थ ANM कृष्णा विश्वकर्मा का है। उसने अपनी GPF की रकम निकलवाने के लिए चार माह पहले सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दिया था। तब से आज तक वह अपनी GPF की रकम लेने के लिए इधर से उधर भटक रही है। आखिरकार वह इतनी परेशान हो गई कि उन्होंने यह कठोर कदम उठा लिया। सिविल सर्जन के नाम पर मुंडन करा लिया। कृष्णा का आरोप है कि सिविल सर्जन दफ्तर में कार्यरत पाटीदार सर का कहना है कि दीदी अगर कुछ लेनदेन करती हो तो मैं और सर मिलकर चार दिन में पैसा निकलवा देंगे। कृष्णा ने इस पर सिविल सर्जन के नाम से मुंडन करा लिया और सारे बाल दान कर दिए। उन्होंने कहा कि यह मैंने दे दिया है। अब मुझे मेरी रकम आप दे दीजिए।

जीपीएफ अकाउंट मैच नहीं हो रहा था
सिविल सर्जन बीएस मीना ने बताया कि कृष्णा विश्वकर्मा को जीपीएफ की राशि निकालना है। इसका आवेदन उन्होंने दिया है। उनका जीपीएफ अकाउंट मैच नहीं हो रहा है। उसमें बैलेंस नहीं है। इस पर मैंने ट्रेजरी को चिट्ठी लिखी है। साथ ही मैं ट्रेजरी अधिकारी से इस विषय में मिलकर भी आया हूं। एक से दो दिन में एएनएम का अकाउंट सही कर दिया जाएगा। उसमें बैलेंस दिखने लगेगा तब उसका जीपीएफ निकाल दिया जाएगा।