भोपाल । एक गर्भवति महिला यात्री को ट्रेन  में प्रसव पीडा हुई तो अन्य महिला यात्रियों की मदद से चलती ट्रेन में ही उसकी सुरक्षित डिलेवरी कराई गई। यह घटना दुरंतो एक्सप्रेस में बुरहानपुर के पास हुई। ट्रेन में जब यात्री महिला को प्रसव पीड़ा उठी तो उसका पति घबरा गया। चांस कुछ नहीं था, पास बैठी महिलाओं ने ही निर्णय लेकर उसकी डिलेवरी करा दी। जब बच्चे की किलकारी गूंजी तो सभी यात्री खुश हो गए और बड़ी राहत की सांस ली। रेलवे से संपर्क कर तुरंत ट्रेन को बुरहानपुर स्टेशन पर रुकवाया गया जहां जच्चा-बच्चा दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। दरअसल रीवा निवासी शेख हफीज मुंबई में सेल्समैन की नौकरी करता है। पत्नी बेबी बाई की डिलेवरी कराना थी, इसलिए मुंबई से रीवा घर जा रहा था, क्योंकि डॉक्टर ने एक से दो दिन में डिलेवरी का समय दिया था। मुंबई से ट्रेन क्रमांक 12293 एलटीटी-प्रयागराज दुरंतो एक्सप्रेस से यात्रा करते समय जब गाड़ी भुसावल रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ी तो पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी, यह देख सभी घबरा गए। पास में बैठी महिलाओं ने हालात देख वहीं बोगी में ही डिलेवरी करवाई। जब बच्चे की किलकारी सुनी तो राहत मिली। इसके बाद रेलवे स्टाफ ने भी खासी मदद की और ट्रेन को बुरहानपुर स्टेशन पर रुकवाया। जच्चा बच्चा दोनों को जिला अस्पताल पहुंचाया। महिला की नार्मल डिलीवरी होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह मामला दो अप्रैल रात 11.30 बजे का है।रेलवे कर्मचारी स्टाफ ने इसमें सहयोग किया। इसमे नंद बिहारी मीना, आलोक शर्मा, राजकरन यादव और इंद्र कुमार मीना सहित अन्य लोगों ने मदद की। पिता शेख हफीज बताते हैं कि मेरी पत्नी का नाम बेबी है, मेरे बड़े बेटे का नाम उमर है और बेटी का नाम जीनत फातिमा है। अभी ट्रेन में जन्म लेने वाले बेटे का नाम मैंने अबू बकर रख दिया।