अंतरिक्ष, तकनीक, सेना और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में हमारे काम और उपलब्धियां न केवल घरेलू, बल्कि वैिश्वक स्तर पर भी उपयोगी साबित हो रही हैं। इनसे दुनिया में भारत की छवि मजबूत राष्ट्र के रूप में बन रही है। सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग और सुदूर अंतरिक्ष शोध जैसे क्षेत्रों में भारत अग्रणी योगदानकर्ता के रूप में खुद को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठापित कर रहा है।

आने वाले वर्षों में इनसे देश को क्या फायदे हो सकते हैं, लोगों के जीवन पर इनका क्या असर होगा।जून 2022 में गूगल व अन्य कंपनियों ने भारत में ई-कॉमर्स, खाना डिलिवरी, कैब, आदि इंटरनेट आधारित सेवाओं पर रिपोर्ट में दावा किया कि इसका आकार 2022 के 17,500 करोड़ डॉलर से साल 2030 तक पौने 6 गुना बढ़कर 1 लाख करोड़ डॉलर पहुंच सकता है। भारत का मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा इसकी सबसे बड़ी वजह माना गया।

यह नए कारोबार खड़े करने में मददगार बन रहा है।दुनिया कैसे बनी, इसमें क्या बदलाव आ रहे हैं, यह समझने के लिए अमेरिका के बाहर पहली लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी (लिगो) भारत के हिंगोली में बनाई जा रही है। इसे साल 2030 तक पूरा किया जाना है। इसमें सरकार खुद 2,600 करोड़ रुपये निवेश कर रही है, अमेरिका द्वारा तकनीकी उपकरण भेजे जा रहे हैं।