भोपाल । भले ही सरकार द्वारा किसानों को राहत देने के लिए जगह-जगह सरकारी खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी किसानों द्वारा व्यापारियों को गेहूं बेचना अधिक मुनासिब माना जा रहा है। यह खुलासा होता है भोपाल जिले के किसानों द्वारा अब तक बेंचे गए गेहूं के आंकड़ों से। इसकी बड़ी वजह बताई जा रही है मंडी में अच्छे गेहूं के दाम अधिक मिलना।  बीते 25 दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो में किसानों ने सरकारी उपार्जन केंद्रों पर 1.44 लाख मीट्रिक गेहूं ही आया है, जबकि करोंद मंडी में 2.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया है।  दरअसल किसानों को मंडियों में गेहूं का दाम उनकी गुणवत्ता के हिसाब से 2200 से लेकर 2800 रु./क्विंटल तक मिल रहा है। वहीं, समर्थन मूल्य पर बोनस सहित 2400 रुपए ही मिल रहे हैं। इसमें भी बोनस के लिए उन्हें चुनाव होने का इंतजार  करना पड़ेगा, मतलब गेहूं आज बेंचा तो उसका बोनस उन्हें जून माह में ही मिल पाएगा।
दरअसल जिले में बीते माह 20 मार्च से एक साथ 80 उपार्जन केंद्रों पर गेहूं खरीदी शुरू की गई थी। इस बार गेहूं बेचने 33,393 किसानों ने पंजीयन कराया है। केंद्र सरकार ने इस बार गेंहू का समर्थन मूल्य 2,275 रुपए क्विंटल तय किया है। प्रदेश सरकार 125 रुपए बोनस अलग से दे रही है। इधर, मौसम बिगडऩे की वजह से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का काम भी प्रभावित हुआ है। हालांकि 25 दिनों में अब तक 15,466 किसानों से 1.44 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। पिछले साल इसी अवधि (17 अप्रैल तक) में 15,665 किसानों से 1.52 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि बेमौसम हुई बारिश की वजह से किसान कम संख्या में गेहूं बेचने आ रहे हैं।
अब तक हुई 3 अरब की खरीदी
सरकार ने किसानों से अब तक करीब तीन अरब रुपए का गेहूं खरीदा है। इसमें से दो अरब रुपए का भुगतान भी कर दिया गया है। वहीं, 1 अरब रुपए के भुगतान की कार्रवाई जारी है। यह भुगतान भी एक पखवाड़े के अंदर हो जाएगा। नियमानुसार एक सप्ताह के भीतर किसानों को उनकी उपज का भुगतान हो जाना चाहिए। सरकार ने भोपाल को 3 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य दिया है। अब तक आधा गेहूं ही खरीदा। जिले में गेहूं खरीदी 7 मई तक होगी। पिछले साल 29, 183 किसानों ने समर्थन मूल्य पर 3.1 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा था।