ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में की बड़ी कार्रवाई 


नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब व्यवसायी एवं ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमनदीप ढल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ढल को पूछताछ के बाद बुधवार रात धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत हिरासत में ले लिया गया था।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में ढल को बृहस्पतिवार को 5 दिन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। आरोपी को अदालत में पेश किया गया था और उसकी हिरासत का आग्रह किया गया था, जिसके बाद विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने आरोपी को एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने अदालत को बताया कि बड़ी साजिश और पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए ढल का अन्य आरोपियों से आमना-सामना कराया जाना है। ईडी ने अदालत से कहा कि अमनदीप ढल ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर साजिश रची थी और वह आबकारी नीति बनाने में सक्रिय रूप से शामिल था। ढल आम आदमी पार्टी (आप) को रिश्वत पहुंचाने का जरिया बना था। एजेंसी ने कहा कि इस तरह के कृत्यों से 7.68 करोड़ रुपये की कमाई हुई और ढल ने इस राशि के हस्तांतरण और छिपाने में भूमिका निभाई। इसने दावा किया कि ढल के पास 31 मई 2021 को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 का मसौदा था, जबकि यह नीति उस वर्ष जुलाई में आबकारी विभाग द्वारा वेबसाइट पर जारी की गई थी।
एजेंसी ने हिरासत का अनुरोध करते हुए दावा किया कि उसने अक्टूबर 2022 के बाद से ढल से लगभग 10-11 बार पूछताछ की, लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी के अनुसार आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी विजय नायर, मनोज राय, अमनदीप ढल और समीर महेंद्रू वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
ईडी का धनशोधन मामला सीबीआई की प्राथमिकी पर ही आधारित है। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में अब तक दो आरोप-पत्र दायर कर चुका है और ढल सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है। वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पिछले साल अगस्त में रद्द कर दी गई थी। बाद में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई से सरकारी अधिकारियों, नौकरशाहों और शराब व्यापारियों द्वारा की गई कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच करने को कहा था। इस मामले में सीबीआई ने रविवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।