मुरैना ।  मुरैना में दो दिन से पुलिस व एसडीआरएफ की टीम चंबल नदी में शिवानी व छोटू के शवों की तलाश में जुटे हैं। उधर छोटू के परिवार ने शव मिलने की आस छोड़ दी है। छोटू के परिवार को पुलिस से पहले ही पता लग गया था, कि छोटू की हत्या कर शव नष्ट कर दिया है। इसीलिए छोटू के स्वजन ने छोटू के नाम से बेसन का पुतला बनाया। अर्थी पर रखकर घर से श्मशान तक अंतिम यात्रा निकालकर श्मशान में पुतले का अंतिम संस्कार किया गया। सोमवार को दोपहर में परिवार ने गांव में कन्या व ब्राह्मण भोज भी कराया। अंबाह में प्रेमी युगल की हत्या कर शव चंबल नदी में फेंकने के लड़की के पिता के बयान पर पुलिस को संदेह गहरा रहा है क्योंकि अभी तक गोताखोरों को नदी में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है, जिससे शवों को फेंकने की पुष्टि हो।

हिरासत में लिए गए छह स्वजन बदल रहे बयान

उधर पुलिस हिरासत में लिए गए छह स्वजन भी लगातार बयान बदल रहे हैं, ऐसे में पुलिस बीहड़ में भी शवों की तलाश कर रही है, क्योंकि संदेह है कि छोटू तोमर व शिवानी की हत्या कर बीहड़ों में शव दफनाया गया हो। साक्ष्य न मिलने के कारण अभी तक पुलिस ने कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं किया है।

पिता ने माना-हत्‍या कर शव चंंबल में फेंके

अंबाह के रतनबसई गांव की 18 साल की शिवानी का प्रेम प्रसंग पड़ोसी गांव बालूपुरा के 21 साल के राधेश्याम उर्फ छोटू तोमर के साथ था। तीन जून से लापता प्रेमी युगल को लेकर पुलिस का दबाव बढ़ने पर रविवार 18 जून को शिवानी के पिता राजपाल सिंह तोमर ने यह स्वीकार किया था कि दोनों की हत्या कर शव चंबल नदी में फेंक दिए गए हैं।

एसडीआरएफ व गोताखोरों को नदी में कोई सुराग नहीं मिला

पुलिस ने इसके बाद छह लोगों को हिरासत में लेकर नदी में शवों की तलाश शुरू की परंतु सोमवार शाम तक चंबल के रे घाट से लेकर रूअर तक साढ़े तीन किलोमीटर क्षेत्र में एसडीआरएफ व गोताखोरों को नदी में शवों को लेकर कोई सुराग नहीं मिला।

बीहड़ में ले जाकर लाठी-डंडो से पीटा था

पुलिस का मानना है कि यदि शवों को 15 दिन में मगरमच्छ, घड़ियाल जैसे वन्य जीव खा भी लेते तो कपड़े आदि कोई निशानी मिल सकती थी। राजपाल ने बयान में यह भी कहा था कि रिश्तेदारों ने छोटू को बीहड़ में ले जाकर लाठी-डंडों से पीटकर मरणासन्न भी किया था।

बीहड़ में भी तलाश

पुलिस ने इस बयान के आधार बीहड़ में भी तलाश शुरू की है। उधर छोटू के स्वजन ने शव मिलने की आस छोड़कर उसके नाम का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार व आत्मशांति के लिए गांव में कन्या व ब्राह्मण भोज करवा दिया है।

इस तरह बयान बदल रहे शिवानी के स्वजन

राजपाल सिंह तोमर ने शवों को ट्रैक्टर-ट्राली में रखकर रात में चंबल नदी में फेंकने की बात कही पर जब ट्रैक्टर-ट्राली के बारे में पूछा तो कहा कि जल्दबाजी में किसी को एक लाख रुपये में बेच दी। किसे बेची यह नहीं पता।

शवों को कपड़े व जूते-चप्पल सहित फेंकने की बात कही, जब पूछा गया कि शव मछली-मगरमच्छ खा गए होंगे तो कपड़े का टुकड़ा, जूता-चप्पल कुछ तो मिलता। इसके बाद राजपाल ने कहा कि सारा सामान रात में जला दिया। कहां जलाया वह स्थान नहीं पता। आरोपित पक्ष तीन जून के बाद से पांच दिन तक घर से लापता रहा। राजपाल सिंह तोमर ने 3 जून को ही फोन बंद कर फेंक दिया, अब कह रहा है कि फोन कहीं खो गया।

इनका कहना है

चंबल नदी में शव फेंके हैं या नहीं? यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, हो सकता है शव बीहड़ या कहीं और फेंक दिए गए हो। गुमराह करने के लिए चंबल की बात कही जा रही हो। हमारी टीम बीहड़ में उस स्थान के आसपास भी जांच कर रही है, जहां हत्या की बात कही जा रही है।

शैलेंद्र सिंह चौहान, एसपी, मुरैना