नैप्यीदा । चक्रवाती तूफान मांचा ने कहर ढाना शुरु कर ‎दिया है। ‎जिसके कारण बंगाल खाड़ी के तटीय इलाकों में बाढ़ आने से तबाही मच सकती है। बता दें ‎कि म्यांमार-बांग्लादेश तटीय रेखा से रविवार को बेहद भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोचा टकराया है। जिसकी अधिकतम निरंतर हवा की गति 200 किमी/घंटा से अधिक थी। जिससे बंगाल की खाड़ी के आसपास की जमीन पर खतरनाक बाढ़ आ सकती है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 250 से अधिक चिकित्सा दल तैयार हैं। कॉक्स बाजार और चटोग्राम के तटीय क्षेत्रों से अब तक चार लाख से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है। स्थानीय प्रशासन निकाले गए लोगों को कॉक्स बाजार और चटोग्राम साइक्लोन शेल्टर में भोजन उपलब्ध करा रहा है। बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के सुबह साढे दस बजे के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार अति गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोचा के बाहरी रिम ने बंगलादेश के कॉक्स बाजार क्षेत्र और उत्तरी म्यांमार तट को पार करना शुरू कर दिया है। चक्रवात आज दोपहर तक पूरी तरह से बंगलादेश में कॉक्स बाजार और सितवे के पास उत्तरी म्यांमार तट को पार कर जाएगा। 
बुलेटिन में कहा गया ‎कि कॉक्स बाजार, चटोग्राम और अन्य तटीय क्षेत्रों में चक्रवात के परिधीय प्रभाव के तहत रुक-रुक कर बारिश और 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति वाली हवाएं चल रही हैं। बंगलादेश मौसम विज्ञान विभाग ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा है कि चक्रवात रविवार को सुबह 9 बजे कॉक्स बाजार से लगभग 250 किलोमीटर, चटोग्राम से 335 किलोमीटर, मोंगला से 435 किलोमीटर और पायरा बंदरगाह से 350 किलोमीटर दूर केंद्रित रहा। इससे पहले भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा था ‎कि इसके उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने और कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) और क्यौकप्यू (म्यांमार) के बीच दक्षिण-पूर्व बंगलादेश और उत्तरी म्यांमार के तटों को पार करने के बहुत आसार है और यह 180-190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 210 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक चलने वाला चक्रवाती तूफान है।
आईएमडी ने बदलते मौसम के मद्देनजर 14 मई को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा के कुछ हिस्सों, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और असम के लिए बारिश और तूफान की चेतावनी जारी की है। इस दौरान कमजोर /असुरक्षित संरचनाओं को मामूली क्षति, छोटे पेड़ों को उखड़ने और पेड़ की शाखाओं को टूटने, कमजोर क्षेत्रों में भूस्खलन की अनुमान व्यक्त किया है साथ मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में केले जैसे छोटे पेड़ों को नुकसान होने की चेतावनी दी है।