इंदौर   ।    वेतन बढ़ाने, नियमित करने और अन्य मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल 42वें दिन भी जारी रही। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने रीगल तिराहे पर थाली-चम्मच बजाकर प्रदर्शन किया और शासन का ध्यान उनकी मांगों की ओर आकृष्ट करने की कोशिश की। एक दिन पहले ही कर्मचारियों ने भोपाल में स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय का घेराव किया था और ज्ञापन सौंपा था। एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष नीतू केल्दे ने बताया कि सरकार द्वारा उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं किए जाने के कारण संघ द्वारा क्रमिक भूख हड़ताल की जा रही है। अपनी मांगों को लेकर हम कई बार ज्ञापन दे चुके हैं। इसके पूर्व भी हमने जब आंदोलन किया था तो शासन की ओर से आश्वासन देकर उसे खत्म करवाया गया था, लेकिन हमारी मांगों को कई महीनों बाद आज भी माना नहीं गया है।

उधर, संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह बिगड़ चुकी हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण और अन्य कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। कई केंद्रों पर तो ताले ही नहीं खुल रहे हैं। जिले में इनकी संख्या 900 से अधिक है। इनकी हड़ताल के कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके नहीं लग पा रहे हैं। यहां आने वाले लोगों को बगैर टीके लगवाए ही लौटना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि शहर हो या गांव सभी जगह स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके लगाने की संपूर्ण जिम्मेदारी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की ही है, लेकिन करीब एक महीने से भी अधिक से इनकी हड़ताल चल रही है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काम बंद कर रखा है। लगातार प्रदर्शन और आंदोलन किया जा रहा है। इसके बाद भी सरकार इनकी मांगों का निराकरण नहीं कर रही है। इतनी लंबी हड़ताल के बाद भी आंदोलन समाप्त नहीं किया जा रहा है।