वॉशिंगटन । वैज्ञानिकों ने ‘एलियन वायरस’ के पृथ्वी पर होने के संकेत की पुष्टि की है। अमेरिका के सैन डिएगो यूनिवर्सिटी और एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में किए गए शोध के बाद यह दावा किया है।  अमेरिका सहित कनाडा और स्पेन के वैज्ञानिकों ने कहा कि कुछ साल पहले स्पेनिश पर्वत श्रृंखला सिएरा नेवादा में रिसर्च के दौरान 800 मिलियन वायरस और बैक्टीरिया देखा गया था। वैज्ञानिकों को समझ में नहीं आया कि इतनी ऊंचाई पर वायरस या बैक्टीरिया कैसे आए, यहां ना इंसानों की बस्ती है और ना ही यहां पर पॉल्यूशन है। उन्होंने बताया कि इन वायरसों या बैक्टीरिया के संपर्क में कोई भी इंसान आ जाए तो वह गंभीर रूप से बीमार हो सकता है, मरने का भी खतरा है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट, कॉस्मोलॉजिस्ट और बियॉन्ड सेंटर फॉर फंडामेंटल कॉन्सेप्ट्स इन साइंस के निदेशक प्रोफेसर पॉल डेविस ने कहा कि इन वायरस और बैक्टीरिया से यूनिवर्स में एलियंस के होने के विचार को एक नई उम्मीद की किरण मिलती है। डेविस ने कहा कि अगर ये विषाणु अंतरिक्ष से मिले हैं तो उनको वहां पर होने के लिए एक ऐसे वातावरण की जरूरत होती है जो इंसानी जीवन के लिए जरूरी होता है। ऐसे में अंतरिक्ष में जीवन के विचार को नकारा नहीं जा सकता है। 
हालांकि ये एलियन वायरस और बैक्टरिया के बारे में सुनने के बाद डर तो लगता ही है, लगेगा क्यों नहीं… कोरोना के बाद तो खास तौर पर। वैज्ञानिक डेविस घबराने से मना कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये वायरस आसानी से अपने मेजबानों के साथ अनुकूलित हो जाते हैं। अगर वास्तव में कोई एलियन वायरस है, तो संभावना है कि वह दूर-दूर तक खतरनाक नहीं होगा। बता दें कि कोविड महामारी ने पहले ही जीवन को उलट-पुलट कर दिया है। वातावरण में काफी बदलाव और क्लाइमेट चेंज धरती पर कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस की उत्पति की वजह बनते जा रहे हैं।