झाबुआ ।  इन दिनों मौसम का मिजाज बदला सा नजर आ रहा है। आसमान बादलों से ढंका है। दिनभर उमस से आमजन बेहाल हैं। शाम होते ही तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी का दौर शुरू हो जाता है। सुबह-सुबह मौसम ठंडा होने से सबको राहत मिलती है। लोगों का कहना है कि इस वर्ष मौसम का मिजाज समझ में नहीं आ रहा।

बदलते मौसम से किसान भी परेशान

ऐसे मौसम में चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। शनिवार शाम जिले में जमकर बूंदाबांदी हुई। रविवार दोपहर में भी बादल छाए रहे। साथ ही उमस बरकरार रही। रविवार को 36 डिग्री सेल्यियस के साथ तेज तापमान रहा। वहीं रात्रि मे 24 डिग्री सेल्सियस के चलते निम्न पर तापमान रहा। बादलों के चलते उमस हो रही है। मौसम परिवर्तन से आमजन सहित किसान वर्ग मे हलचल मची है।

रहवासी बोले- ऐसा मौसम कभी नहीं देखा

लोगों का कहना है कि मौसम सुबह से शाम तक तीन बार बदलता है। ऐसे में मौसम का मिजाज किसी के समझ में नहीं आता। सुबह ठंडा तो दोपहर में तेज गर्मी होने लगती है। शाम को फिर से वर्षा का दौर शुरू हो जाता है। ऐसा मौसम पहले कभी देखने को नहीं मिला। इस मौसम का असर विपरीत बना हुआ है। बदले इस मौसम में बिमारियों का खतरा अधिक बना रहता है। झाबुआ क्षेत्र में मौसम में कभी वर्षा तो कभी तेज गर्मी महसूस हो रही है। सुबह-शाम के समय हल्की ठंड आमजन महसूस कर रहे हैं। विपरीत मौसम सब्जियों की फसल के लिए हानिकारक हो रहा है। इस समय किसानों के खेतों में लौकी, गिलकी, तुराई, भिंडी, चवला सहित सब्जियां लगी हैं। वहीं तमाम पौधों के पत्ते वक्त से पहले पीले पड़ रहे हैं। सब्जियों मे वायरस का असर भी देखा जा रहा है। वड़लीपाड़ा के शंभु अमलियार ने बताया कि पिछले दिनों से हो रही वर्षा के बाद लौकी के पौधों में पत्ते पीले पड़ रहे हैं। गिलकी में लाल मक्खी समेत कीट चिपके हैं। चवले की फलियों मे इल्ली पड़ रही है।

सम में सभी को सावधानी रखने की अधिक आवश्यकता है। बार-बार मौसम में बदलाव हो रहा है। ऐसे में बिमारी का खतरा बन जाता है। खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है।

- डा. सावन चौहान, आरएमओ, जिला अस्पताल