भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के फरमान ने हजारों महिलाओं को बेरोजगार करने की तैयारी कर ली है। आंगनवाडिय़ों में पूरक पोषण आहार का काम स्वसहायता समूहों से लेकर अक्षय पात्र फाउंडेशन को देने की तैयारी है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत भी हो चुकी है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं बना रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी से लेकर लाड़ली बहना तक की योजनाओं के जरिये महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल कर रहे हैं। वहीं, उनके ही विभाग के अफसर हजारों महिलाओं को बेरोजगार करने की तैयारी में हैं। आंगनवाडिय़ों में पोषाहार की जिम्मेदारी अक्षय पात्र फाउंडेशन जैसे बड़े एनजीओ को देने की तैयारी है। पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है और स्वसहायता समूहों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र की 28 आंगनवाडिय़ों में पोषाहार पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वसहायता समूहों से लेकर अक्षय पात्र फाउंडेशन को दे दी है। यह पायलट प्रोजेक्ट है। इसकी सफलता के बाद ही इस परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा। इन आंगनवाडिय़ों में करीब एक हजार बच्चे लाभान्वित होते हैं। इन्हें भोजन पहुंचाने की जिम्मेदारी अब अक्षय पात्र फाउंडेशन भोपाल की होगी।
अब तक यह काम श्यामा स्वसहायता समूह के पास था। उसकी महिला सदस्य अब बेरोजगार हो गई हैं। समूह की अध्यक्ष प्रभा गुप्ता ने बताया कि हमारे समूह को दो साल पहले आंगनवाड़ी में पोषाहार पहुंचाने का काम मिला था। सोमवार से खाना बंद कर दिया है। हम सभी बेरोजगार हो गए हैं। समूह ने आंगनवाडिय़ों तक पोषाहार पहुंचाने के लिए लोन पर एक ऑटो भी खरीदा था। उसकी किस्त ही हर महीने 6 हजार 200 रुपये आती है। एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। अब समझ नहीं आ रहा कि ऑटो की किश्त कैसे चुकाएंगे। अब हम सिर्फ नाश्ता भेज रहे हैं। उसमें तो हमारी मजदूरी भी नहीं निकलेगी। इस समूह में यासमीन खान, दयावती मालवीय, शालू कुर्रे, जोहरा बी और सारा बी सहित अन्य महिलाएं जुड़ी हुई हैं।  
भोपाल में 1270 आंगनवाड़ी केंद्र हैं। इनमें 50 हजार बच्चों को पोषाहार पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वसहायता समूहों पर है। इन आंगनवाडिय़ों का करीब एक करोड़ रुपये का मासिक बिल बनता है, जो स्वसहायता समूहों के जरिये महिला सदस्यों के खाते तक पहुंचता है। श्री सांई सेल्फ हेल्प ग्रुप की अध्यक्ष अनिता विश्वकर्मा ने बताया कि सांई बाबा नगर में आठ आंगनवाड़ी का पोषाहार बंद कर दिया गया है। सिर्फ नाश्ता ही जा रहा है। हमारे ग्रुप में 10 महिलाएं है। सभी को रोजगार मिला था, लेकिन अब सब बेरोजगार होने के कगार पर हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भईया से निवेदन है कि अपनी लाड़ली बहनों का रोजगार न छीनें।
इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बाद में कॉल करने का मैसेज किया। इसके बाद उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए उन्हें मैसेज भी भेजे गए, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।