बीजिंग। चीन एक बेहद खतरनाक परमाणु हथियारों वाली पनडुब्बी बनाने के करीब पहुंच गया है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन 096 टाइप की बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन का निर्माण कर रहा है। अनुमान है कि इस दशक के अंत तक चीन इसे मोर्चे पर ले आएगा। इन परमाणु पनडुब्बियों में रूसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इससे ये समुद्र में संचालन के दौरान बेहद कम आवाज करेंगी। इस कारण इसे ट्रैक कर पाना अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए बेहद मुश्किल होगा। मई में यूएस नेवल वॉर कॉलेज में आयोजित सम्मेलन में भी इस पर चर्चा हुई थी। चीन के मेरीटाइम स्टडीज इंस्टीट्यूट ने अगस्त में एक लेख में नई परमाणु पनडुब्बी की जानकारी दी थी।
भारत के लिए चीन पर नजर रखना मुश्किल होगा
फिलहाल चीन की परमाणु पनडुब्बियां हमला करने की पूरी ताकत के साथ साउथ चाइना सी और हिंद प्रशांत सागर में गश्त करती रहती हैं। अमेरिका और भारत-जापान समेत उसके अन्य सहयोगी देश चीनी परमाणु पनडुब्बियों पर नजर रखते हैं। हालांकि 096 पनडुब्बी के आने के बाद इन देशों की चुनौती कई गुना बढ़ जाएगी। हालांकि, भारत समेत पश्चिमी देशों के पास भी साइलेंट परमाणु पनडुब्बियां हैं। इनमें से एक इंडियन नेवी की वागीर है।
होड़ बढ़ी, सऊदी अरब, ईरान और बेलारूस भी एटमी हथियार चाह रहे
इजराइल की एटॉमिक एनर्जी कमीशन के एक बड़े अधिकारी ने हाल ही में सऊदी अरब को लेकर चेतावनी दी थी। चीन की ओर से सऊदी अरब को परमाणु कार्यक्रम में मदद करने का वादा करने की खबर आई थी।अमेरिका के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों के मुताबिक पाकिस्तान तेजी से परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाता रहा, साल 2025 तक उसके परमाणु हथियारों 200 होंगे। अमेरिकी डिफेंस मिनिस्ट्री का दावा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार विकसित करने के लिए पर्याप्त सामग्री है। उसके यूरेनियम का उत्पादन परमाणु हथियार बनाने के लेवल तक पहुंचता जा रहा है। वहीं, बेलारूस में रूस की ओर से परमाणु हथियारों की तैनाती को हरी झंडी मिल चुकी है। ऐसे में बेलारूस के भी परमाणु हथियारों की रेस में उतरने की संभावना है। स्वीडन के थिंक टैंक सिपरी के मुताबिक दुनिया में परमाणु हथियारों की होड़ खतरनाक ढंग से बढ़ रही है दुनिया में अब 12,512 परमाणु हथियार हैं। इनमें से 9,576 हमले के लिए तैयार हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल 96 परमाणु हथियार बढ़े हैं। चीन और पाकिस्तान ने भारत के मुकाबले तेजी से परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाई है। चीन ने एक साल में 60, तो पाकिस्तान ने 5 परमाणु हथियार जोड़े हैं। जबकि भारत ने 4 ही विकसित किए। एशिया ही नहीं, पूरी दुनिया में अब ऑपरेशनल परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ रहा है।अमेरिका में बीते एक साल में कोई भी हथियार नहीं बढ़ा