नई दिल्ली । भारत में निर्मित कफ सिरप पीने से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत के मामले में लिए गए दवा के नमूनों के मानकों पर खरा नहीं पाने के बाद गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत पर एक मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले में ऑपरेशन हेड सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कंपनी के मालिक फरार हैं, उनकी तलाश की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने बीती रात को रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सेक्टर 67 स्थित एक दवा बनाने की कंपनी में निर्मित कफ सिरप मानकों के ऊपर खरा नहीं उतरा। इस मामले में कंपनी की डायरेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावल तथा मूल सिंह आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
कार्यालय से जुड़े अधिकारी के अनुसार, तुहीन भट्टाचार्य, अतुल रावत तथा मूल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि कंपनी के मालिक-मालकिन फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी। 2020 के दिसंबर माह में उक्त कंपनी द्वारा बनाई गई सिरप पीने से कजाकिस्तान में 18 बच्चों की संदिग्ध मौत हुई थी। कजाकिस्तान सरकारकी सूचना के आधार पर भारत सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया तथा कंपनी पर छापेमारी की गई।
बता दें कि उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर 19 बच्चों की मौत के बाद यूपी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग ने दवा फर्म मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया था। दवा रिकार्ड मेंटनेंस के अलावा रॉ मैटेरियल खरीद की जानकारी समय से नहीं उपलब्ध कराने पर कंपनी का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है।