भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर मात्र 5 माह रह गए हैं। दोनों ही प्रमुख दलों ने जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश में कमजोर और हारे 66 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसी आधार पर उनके द्वारा बनाई गई रिपोर्ट जिनमें उम्मीदवारों के नामों का पैनल भी शामिल है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंप दी है। माना जा रही है कि इस सीट पर कहीं 1 तो कहीं 2-3 उम्मीदवारों के नामों का पैनल है। इस रिपोर्ट के बाद कमलनाथ भी कमजोर सीटों पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसके बाद दोनों रिपोर्टों का आकलन कर सबसे पहले इन्हीं सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तय किया जाएगा। माना जा रहा है कि चुनाव से 3-4 माह पहले ही  इन  सीटों पर उम्मीदवार तैयार कर तैयारियों के निर्देश दिए जा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने प्लान बनाया है। एमपी कांग्रेस हारी हुई 66 सीटों पर संगठन को मजबूत करने का काम करेगी। संगठन में और कसवाट लाने के साथ मतदान केंद्र पर सक्रियता बढ़ाने की कवायद की जाएगी। कांग्रेस के चारों फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन 66 सीटों पर बूथ मजबूती का काम करेगी। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की कमजोर और हारी हुई 66 सीटों की रिपोर्ट पीसीसी चीफ कमलनाथ को सौंप दी है। इन 66 सीटों पर पार्टी का संगठन काफी कमजोर हो गया है। विधानसभा चुनाव से पहले एमपी कांग्रेस मिशन संगठन में जुट गई है। पार्टी संगठन को मजबूत करने का काम करेगी।
बता दें कि पूर्व सीएम दिग्विजय ने प्रदेश की 66 सीटों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। दिग्गी ने कार्यकर्ताओं और लोगों से बात कर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में विस्तृत जानकारी है। अब हर दस दिन में समन्वय समिति की बैठक होगी। चुनावी तैयारी को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर 10 दिन में क्षेत्रों का दौरा कर कमलनाथ को रिपोर्ट सौंपेंगे। साथ ही कौन सीट के लिए सबसे प्रमुख दावेदार है। इस रिपोर्ट का एक हफ्ते में एनालिसिस होगा। दावेदारों के नामों पर भी एक सप्ताह में मुहर लगना शुरू हो जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का सर्वे टिकट में सबसे बड़ा आधार होगा। हारी हुई सीटों पर दावेदारों का एक महीने के अंदर ऐलान हो सकता है।