भोपाल। प्रदेश की सिवनी विधानसभा सीट  चार दशक से भले ही भाजपा का अभेद्य किला माना जाती हो और यहां दिनेश राय मुनमुन अपने आपको एकतरफा राजनीति के किंग मानते रहे हों। लेकिन इस बार लगता है जनता ने उनका जीत का तिलस्म तोडऩे का मन बना लिया है। मुनमुन जिनके बलबूते अब तक राजनीति के शिखर पर चढ़ते रहे हैं। इस बार  उनके करीबी-जनों ने ही उनको सबक सिखाने की तैयारी कर ली है। इस बार मुनमुन के लिए विधानसभा की सीढ़ी चढ़ पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन नजर आ रहा है।  इसी सीट पर कांग्रेस ने आनंद पंवानी को चुनाव मैदान में उतारा है।

हम बता दें कि सिवनी विधानसभा सीट पर 2013 में निर्दलीय और एक बार कांग्रेस को छोडक़र, 1980 से अब तक पिछले 35 सालों में भाजपा ही काबिज होती रही है। बालाघाट जिले की सिवनी विधानसभा सीट के लिए 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो यहां भाजपा का कब्जा बरकरार रहा था। भाजपा के मुनमुन  ने निर्दलीय प्रत्याशी को हराकर भाजपा के खाते में यह सीट डाली थी। चुनावी मुकाबले में भाजपा की तरफ से मुनमुन मैदान में उतरे थे। उनके मुकाबले कांग्रेस की तरफ से मोहन सिंह चंदेल चुनाव लड़ रहे थे। इनके अलावा कुछ अन्य निर्दलीय व क्षेत्रीय दलों के प्रत्याशी भी मैदान में थे। लेकिन तब मुनमुन ने सबको हराते हुए जीत दर्ज कराई थी। भाजपा के मुनमुन को 99,576 मत मिले, जबकि कांग्रेस के मोहन सिंह 77,568 वोट ही हासिल कर पाए थे। भाजपा ने कांग्रेस को 22,008 मतों से हराकर चुनाव जीता था।

मुनमुन की मुश्किल क्यों?
सिवनी से जो रिपोर्टस और रूझान मिल रहे हैं, उनके अनुसार इस बार मुनमुन चुनाव हार जाएं तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। मुनमुन पर स्थानीय जनता खुलकर तोहमत लगाती है कि यदि केंद्र की योजनाओं और कार्यक्रमों को छोड़ दें, तो  पिछले पांच सालों में मुनमुन ने क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं कराए हैं। उनकी पांच साल की निष्क्रियता इस बार भाजपा की जीत में बड़ी बाधा बन गई है।

भाजपा कार्यकर्ताओं और समाजों ने किनारा किया
भाजपा सूत्र बताते हैं कि मुनमुन की कार्यशैली की वजह से इस बार भाजपा के कोर वोट बैंक के रूप में क्षेत्र के कुर्मी, बघेल, बागरी और मुस्लिम मतदाताओं ने भी उनसे  दूर बना ली है। इन समाजों के लोगों का कहना है कि जब मुनमुन ने पिछले पांच साल हमारी उपेक्षा की है, तो अब हम क्यों उन्हें सपोर्ट करें। इन समाजों ने मुनमुन को चुनाव में सबक सिखाने का निश्चय किया है। इसी तरह से भाजपा के कार्यकर्ता भी मुनमुन की कार्यशैली से नाराज हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले पांच सालों में उन्होंने जिस अपमान और उपेक्षा का सहा है, निश्चित तौर पर विधायक को इसका खामियाजा तो भुगतना पड़ेगा।

सिवनी का वोटों का गणित
सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,65,807 मतदाता हैं।  जिसमें 1,34,553 पुरुष और 1,31,247 महिला मतदाताओं की संख्या शामिल है।  इस क्षेत्र में सबसे अधिक 65,000 आदिवासी, 40,000 कुर्मी, 30,000 बघेल  और 22,000 मुस्लिम समाज के मतदाता हैं।