नईदिल्ली । महंगे स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल आईफोन सिक्योरिटी को बढ़ाते हुए “स्टोलेन डिवाइस प्रोटेक्शन” ऑप्शन लाई है। ये खास फीचर आईफोन को चोरों से बचाने वाला है। इस शानदार फीचर को अनलॉक करने के लिए पासकोड इनपुट और फेस आईडी ऑथंटिकेशन दोनों की जरूरत होती है। 
इसको चुनने वाले यूजर्स आईक्लाउड किचेन पासवर्ड, फ़ैक्टरी रीसेट, भुगतान के तरीके और बायोमेट्रिक लॉक के पीछे “लॉस्ट मोड” का इस्तेमाल कर सकेंगे। अन्य संवेदनशील एक्शन करने के लिए जैसे कि ऐप्पल आईडी पासवर्ड बदलना, आईफोन पासकोड बदलना, या फाइंड माई को बंद करना, के लिए फेस आईडी ऑथंटिकेशन की आवश्यकता होगी और यदि आईफोन यूजर की लोकेशन (जिस जगह यूजर अक्सर आता जाता रहता है) पर नहीं है और फेस ऑथंटिकेशन नहीं हो पा रहा तो प्रक्रिया को दोहराने के लिए एक घंटे तक इंतजार करना होगा। एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे चोर पीड़ितों की जासूसी करते हैं और उनके आईफोन पासकोड प्राप्त करने के लिए उनसे दोस्ती करते हैं, जिसकी वजह से संभवतः एप्पल द्वारा “चोरी डिवाइस सुरक्षा” को शामिल किया गया है। यह फीचर वर्तमान में आईओएस वर्शन 17.3 बीटा पर टेस्टिंग में है और चुनिंदा यूजर्स के लिए उपलब्ध है।
 आने वाले महीनों में अगले प्रमुख आईओएस अपडेट के साथ सिलेक्ट आईफोन मॉडलों के लिए “स्टोलन डिवाइस प्रोटेक्शन” फीचर शुरू होने की उम्मीद है।एप्पल के स्कॉट रैडक्लिफ ने आईफोन सिक्योरिटी पर जोर देते हुए कहा, “हमारे डेटा एन्क्रिप्शन ने इंडस्ट्री स्टैंडर्ड सेट किया है। चोर उस आईफोन का डेटा बिना पासकोड जाने एक्सेस नहीं कर सकता। वहीं, अगर चोर पासकोड एंटर करते देख ले और फिर डिवाइस चुराए तब भी, डेटा एक्सेस कर पाना लगभग असंभव है। क्योंकि इस डिवाइस में एडवांस लेयर होगी जो इसके डेटा को एक्सेस बिल्कुल भी नहीं करने देगी।”