वाशिंगटन । अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती करने का फैसला किया है। बीते कुछ दिनों में इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हमले हुए हैं। अपने सैनिकों पर हमलों के बाद अमेरिका सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली को मिडिल ईस्ट में तैनात करने जा रहा है। इस मिसाइल प्रणाली को पैट्रियट बैटरी के नाम से जाना जाता है। पिछले माह इराक और सीरिया में दर्जनों अमेरिकी सैनिकों पर हमले हुए हैं। इन हमलों के पीछे अमेरिका ने ईरान समर्थित आतंकी गुटों को जिम्मेदार माना है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पेंटागन ने बताया है कि आतंकवादी समूहों ने 17 अक्टूबर से अब तक अमेरिकी कर्मियों के घरों और दूसरे ठिकानों पर 50 से ज्यादा हमले किए हैं। ये हमले रॉकेट और ड्रोन से किए गए हैं। इसके बाद अमेरिका अपने सैनिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता में है। इसके बाद बाइडेन सरकार ने मिसाइस सिस्टम की तैनाती पर फैसला लिया गया है।
अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया है कि ईरान के समर्थित आतंकी संगठनों की ओर से किए गए हमलों के जवाब में रक्षा सचिव लॉयड जे. ऑस्टिन ने पैट्रिएट मिसाइल सिस्टम और मिडिल ईस्ट में ज्यादा बटालियनों की तैनाती भी शामिल है। रक्षा विभाग ने यह खुलासा नहीं किया कि वह कितनी पैट्रियट बैटरियां भेज रहा है और इनकी तैतानी की जगह क्या होगी। माना जा रहा है कि अमेरिका ने पहले से तैनात रक्षा प्रणालियों की संख्या को दोगुना कर दिया है।
मिसाइल रक्षा प्रणालियों का उत्पादन अमेरिकी सरकार के अनुबंधकर्ता रेथियॉन ने किया है। इस एक मिसाइल सिस्टम की लागत लगभग 1.1 बिलियन डॉलर है। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय 18 देश पैट्रियट सिस्टम संचालित करते हैं, जिसमें यूक्रेन भी शामिल है। पैट्रियट लंबी दूरी का एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है। पैट्रियट को 1982 में पहली बार अमेरिकी सेना में शामिल किया गया था। पैट्रियट को पहली बार 1991 के फारस की खाड़ी में युद्ध के दौरान इस्तेमाल किया गया था। ये मिसाइल सिस्टम सऊदी अरब, कुवैत और इजराइल की मदद के लिए भी अमेरिका दे चुका है।