छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह सरकार में पूर्व प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह पर फिर से शिकंजा कसा है। आय से अधिक संपत्ति मामले में रद्द प्राथमिकी पर SC ने बिलासपुर हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खास नौकरशाह और पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह के भ्रष्टाचार की फाइल फिर खुलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिलासपुर हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें जनवरी 2022 में डीए मामले में पूर्व नौकरशाह अमन सिंह, उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती देने वाली छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अमन सिंह के पास अग्रिम जमानत मांगने के लिए तीन सप्ताह का समय है और उन्हें डीए मामले में जांच का हिस्सा बनने के लिए कहा है।


पिछले साल छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य के पूर्व प्रधान सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मामला दर्ज करना कानून की प्रक्रिया का “दुरुपयोग” था और आरोप प्रथम दृष्टया थे।

दरअसल, रायपुर निवासी उचित शर्मा ने अमन सिंह और यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए ACB, EOW में शिकायत किया था। शिकायत के आधार पर ACB, EOW अपनी कार्रवाई शुरू की थी। इस कार्रवाई के खिलाफ अमन सिंह और यास्मीन सिंह ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं प्रस्तुत की थी। प्रारंभिक सुनवाई में ही HC ने दोनों के खिलाफ नो कोर्सिव स्टेप यानी किसी भी प्रकार के दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।