भोपाल। गुरूवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के बीना में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स की नींव ही नहीं रखी बल्कि बुंदेलखंड की तकदीर बदलने की नींव रखी है। बुंदेलखंड में आने वाली औद्योगिक क्रांति प्रदेश के विकास में एक सुनहरी ईंट और जोड़ देगी। गुरूवार को जब मध्य प्रदेश दौरे पर पहुंचे मोदी ने राज्य के युवाओं के लिए सौगातों की बौछार कर दी और साथ ही उन्हें बता दिया कि जब जनता के लिए डबल इंजन सरकार काम करती है तो उसका कितना अधिक लाभ लोगों को मिलता है।

बीना में बहेगी विकास की लहर

प्रधानमंत्री मोदी ने 50,700 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके अंतर्गत रिफाइनरी में ‘पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स’ और राज्य भर में 10 नई औद्योगिक परियोजनाएं शामिल हैं।  परियोजनाओं में 49,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किये जाने वाले भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की बीना रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स, नर्मदापुरम जिले में एक बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र, इंदौर में दो आईटी पार्क, रतलाम में एक मेगा औद्योगिक पार्क तथा मध्य प्रदेश में छह नए औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। यह शिलान्यास महज पत्थर नहीं है, यह दिखा रहा कि जल्द बीना में विकास की लहर बहेगी, जिसका फायदा सिर्फ बीना निवासियों को नहीं संपूर्ण प्रदेश को होगा। यह विकास के क्रम में एक पहल है। यह परियोजना पूरे होते ही यहां रोजगार के नए-नए अवसर खुलेंगे।

2 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

बीना पेट्रो केमिकल्स के निर्माण के बाद लगभग 2200 किलो टन विभिन्न पेट्रो केमिक्लस का उत्पादन हर साल होगा। उम्मीद की जा रही है कि अन्य औद्योगिक परियोजनाओं के जरिए क्षेत्र में एक लाख करोड़ का निवेश भी आ सकता है। बीना रिफायनरी प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। बीना रिफायनरी के पास बनने वाले इस प्लांट से लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। 

बुंदेलखंड बनेगा और भी संपन्न 
मध्य प्रदेश के कई जिलों को पीएम मोदी ने लाखों करोड़ों की सौगातें दी है। 49 हजार करोड़ की लागत से तैयार होने वाली बीना रिफाइनरी बुंदेलखंड क्षेत्र को और अधिक संपन्न बनाएगी। जनता की तकदीर बदलने वाली इस रिफाइनरी से फिलहाल 40 हजार और भविष्य में 2.15 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। केन और बेतवा परियोजना से बुंदेलखंड के 20 लाख एकड़ में सिंचाई की व्यवस्था होगी। कभी सात लाख हेक्टेयर वाला सिंचाई का ये रकबा आज बढ़कर 30 लाख हेक्टेयर हो चुका है।